रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सड़कों के भ्रष्टाचार का लंबा कारनामा निकलकर सामने आ रहा है। पिछली सरकार में नेतानुमा ठेकेदारों ने अफसरों से साठ-गांठ कर ढाई किलोमिटर की सड़क निगलकर कागजों में एमबी भरकर भ्रष्टाचार के पैसों से अपनी तिजोरी भरी। हरिभूमि. कॉम ने हाल ही में पीएमजीएसवाय की ढाई किलोमीटर सड़क गायब की खबर उठाई थी। इसके बाद मुलेर के गायब सड़क को खोजने में विभागीय अधिकारियों के पसीने छुट गए। वहीं विभागीय ई ई दामोदर सिदार ने कहा कि, सड़क के भौतिक सत्यापन के लिए टीम गठित की गई है। अब टीम मौके पर जाएगी और गायब सड़क की तलाश करेगी। 

 

उल्लेखनीय है कि, नहाड़ी, मुलेर नक्सल प्रभावित इलाका है। बिना सुरक्षा के इस इलाके में ठेकेदार एक भी ईंट नहीं रख सकते हैं। ऐसे में पीएमजीएसवाय विभाग द्वारा सड़क पैकेज क्रमांक 154 के नाम पर पालनार पेरमापारा 20 किलोमीटर से नहाड़ी मुलेर पहुंचमार्ग जवानों के संगीनों के साये में नक्सलग्रस्त इलाके में 16 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाने का जिम्मा लिया था। लेकिन विभाग ने नेतानुमा ठेकेदार साठ-गांठ कर नक्सल क्षेत्र का फायदा उठाते हुए लगभग 7.5 किलोमीटर सड़क बनाई और कागज पर 10 किलोमीटर की सड़क का रिकॉर्ड पेश किया। इस सड़क की लागत 6 करोड़ 33 लाख 19.99 % निविदा दर से ज्यादा की लागत पर बनाते हुए 7.5 करोड़ रुपये पर बनाई जा रही थी। ठेकेदार पर आरोप है कि, इस सड़क पर आरसीसी कांक्रीट पुलिया का निर्माण करने की जगह पर 7 पाईप पुलिया बना दिया गया। 

गिट्टी-सीमेंट मसाले के साथ ही सड़क में मिला है जवानों का रक्त 

बता दें कि, जिस गांव तक यह सड़क बन रही थी, वह नक्सलग्रस्त नहाड़ी का मुलेर गांव है। यहां पर सुरक्षाबलों का एक कैंप भी स्थापित है। इन इलाकों में बनने वाली सड़कों में सिर्फ गिट्टी-सीमेंट का मसाला ही नहीं बल्कि हमारे जवानों का रक्त भी मिला होता है। कई जवान इन्हीं सड़कों के निर्माण के समय सुरक्षा ड्यूटी में अपने प्राणों को न्योछावर कर देते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार बस्तर के लिए बड़ी त्रासदी है। 

मामले में जांच के बाद होगी कार्रवाई- दंतेवाड़ा जिला कलेक्टर
पूरे मामले में दंतेवाड़ा जिला कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि, सड़क में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने हाल ही में 4 सड़कों का टेंडर निरस्त कर दिया था। क्योंकि, इन सड़कों में लगी निविदा प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। अब यह एक नया मामला फिर से खड़ा हो गया है। देखना यह होगा कि, क्या गायब हुई सड़क का कोई अता-पता भी मिलेगा या नहीं। वहीं पूरे मामले में विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।