जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सहकारिता विभाग के लेम्प्स प्रबंधकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आगामी में होने वाले धान खरीदी का भी बहिष्कार करने का एलान किया है। संभाग में 329 उपार्जन केंद्रों के 1500 खरीदी प्रभारियों ने सरकार के सामने अपनी मांग रखी है।

सभी कर्मचारी कृषि उपज मंडी में हड़ताल में बैठ गए है। समिति के अधिकारी और कर्मचारियों ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि, मप्र की तरह छत्तीसगढ़ में भी अनुदान राशि 3 लाख दिया जाना चाहिए। 2018 के वेतन विसंगति में परिवर्तन करने धान खरीदी के दौरान सूखती पर भी छूट दिया जाए।समय पर धान उठाव नहीं होने के कारण धान सूखने की स्थिति में पूरी जवाबदारी प्रबंधक के ऊपर आ जाती है। नवंबर महीने में धान खरीदी होती है जिसमें प्रबंधकों को अपने घर से राशि देनी होती हैं जो उचित नहीं है। 

धान खरीदी में शामिल नहीं होंगे प्रबंधक 

हड़ताल के दौरान उन्होंने बताया कि,चुनाव के पहले भाजपा सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जैसी ही सरकार बनती है तो मांगों को पूरी की जाएगी। लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद आज तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया। इसी के विरोध में अब संभाग के सभी लैम्प्स प्रबंधकों ने हड़ताल का रास्ता अपना लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि, जब तक हड़ताल जारी है तब तक आगामी धान खरीदी में शामिल नहीं होंगे। सरकार अन्य एजेंसियों से खरीदी करवा लें ताकि सरकार को भी पता चले कि सुखत में कितना नुकसान होता हैं।