रायपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं में यदि कोई छात्र अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि तीन माह के अंतराल में ही छात्रों के लिए दोबारा  बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। इसमें वे छात्र शामिल हो सकेंगे, जो मार्च में हुई परीक्षा में असफल हो गए हैं अथवा जो अपने परिणाम से संतुष्ट नहीं है। पहली बोर्ड परीक्षा जहां मार्च में आयोजित की जाएगी तो वहीं दूसरी बोर्ड परीक्षा जून-जुलाई आयोजित होगा। 

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया गया है। प्रथम परीक्षा में पंजीकृत छात्र ही द्वितीय परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र होंगे अर्थात जिन्होंने मार्च में होने वाली प्रथम परीक्षा के लिए आवेदन नहीं दिया है, वे दूसरी परीक्षा के लिए भी पात्र नहीं होंगे। ऐसे छात्र जो दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे, उनके रिजल्ट अधिक अंक के आधार पर तैयार होंगे। अर्थात दोनों परीक्षाओं में से जिसमें छात्र ने अधिक अंक प्राप्त किए होंगे, उसे आधार बनाकर परिणाम तैयार किया जाएगा।

अब तक थी ये व्यवस्था 

दसवीं-बारहवीं की परीक्षाओं में जो छात्र फेल होते थे, उनके लिए पूरक परीक्षाएं आयोजित की जाती थी। फेल हो चुके छात्रों को चार मौके दिन जाते रहे हैं। आदेश के अनुसार, अवसर परीक्षाओं की अन्य व्यवस्था पूर्व की ही तरह जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, इसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र से लागू करने की कवायद चल रही है। हालांकि इस पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 की परीक्षा में दसवीं कक्षा में 3 लाख 42 हजार 512 तथा बारहवीं की परीक्षा में 2 लाख 54 हजार 890 नियमित छात्र शामिल हो रहे हैं। दसवीं के स्वाध्यायी छात्रों की संख्या 5 हजार 310 तथा बारहवीं कक्षा के स्वाध्यायी छात्रों की संख्या 7 हजार 256 है।

कौन हो सकता है दूसरी परीक्षा में शामिल?

■ जून-जुलाई में होने वाली परीक्षा में वे छात्र शामिल हो सकेंगे, जो सभी विषयों में फेल हो गए हो।
■ जिन्हें पूरक की पात्रता मिली है, वे भी इस परीक्षा में बैठेंगे।
■ श्रेणी सुधार के इच्छुक छात्र भी इसमें बैठ सकते हैं।
■ जिन छात्रों ने प्रथम परीक्षा के लिए आवेदन भरा, लेकिन किसी कारणवश अनुपस्थित रहे, वे भी दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

निर्णय नहीं
माशिम के सचिव प्रो. वीके गोयल ने बताया कि, माध्यमिक शिक्षा मंडल को आदेश प्राप्त हुआ है। इसे मौजूदा सत्र में लागू करना है अथवा अगले सत्र में, इस पर फैसला नहीं हुआ है। बैठक बुलाकर जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।