रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने प्लेन से आकर ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी ज्वेलरी की दुकानों में जाकर फर्जी बिल और नकली सोना गिरवी रखते थे और फिर पैसे लेकर रफूचक्कर हो जाते थे। पकड़े गए दोनों आरोपी महाराष्ट्र के रहने वाले बताये जा रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, दुकानदार महेश कुमार थवाईत ने थाना विधानसभा में रिपोर्ट दर्ज करायी कि, उसका दोंदेकला में सांई ज्वेलर्स के नाम से ज्वेलरी दुकान है। 19 मार्च को दुकान में विशाल कुमार सोनी नाम का व्यक्ति आये और सोना गिरवी रखने के लिये ब्रेसलेट के साथ रसीद दिखाया। दोनों आरोपियों ने अपना आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि, उन्हें ज्वेलरी गिरवी रखकर जमीन खरीदना है जिसके लिए उन्हें पैसों की जरुरत है। आरोपी के द्वारा लाये गये ब्रेसलेट में हॉलमार्क अंकित था तथा रसीद व आधार कार्ड था। झांसे में आकर दुकानदार ने ब्रेसलेट जिसका वजन 61 ग्राम 740 मि.ग्रा. था, उसे अपने पास गिरवी रखकर उन्हें 2 लाख 50 हजार रूपये नगद दे दिया। दुकानदार ने जब दुबारा ब्रेसलेट का परिक्षण किया तो उसे पता चला कि, ब्रेसलेट सोने का नहीं बल्कि नकली है। जिसके बाद उसने थाना विधानसभा में 176/24 धारा 420 भादवि. के तहत रिपोर्ट करायी।

समृद्धि ज्वेलर्स से 2 लाख 10 हजार रूपये की ठगी 

इसी तरह आरोपी द्वारा अपने 1 अन्य साथी के साथ मिलकर थाना आरंग क्षेत्रांतर्गत महामाया रोड स्थित समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक नरेन्द्र कुमार सोनी के पास भी नकली सोने का ब्रेसलेट गिरवी रखा था। जिसकी एवज में उसने उससे 2 लाख 10 हजार रूपये ठगी कर लिए थे। आरोपी के विरूद्ध थाना आरंग में अपराध क्रमांक 317/24 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है साथ ही थाना पुरानी बस्ती में भी आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

एसपी ने बनाई टीम 

ठगी की घटना को एसएसपी संतोष कुमार सिंह द्वारा गंभीरता से लेते हुये ASP ग्रामीण कीर्तन राठौर, टीम बनाकर आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने निर्देश दिया। एसएसपी के निर्देश में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना विधानसभा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा आरोपियों की पतासाजी कर पूछताछ शुरू की गई। टीम द्वारा दुकान और आसपास लगे सीसीटीव्ह कैमरों के फुटेजों खंगाला गया।

मुखबीर की मदद से पकड़ाए आरोपी 

आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही थी। चूंकि प्रकरण में आरोपियों द्वारा दिया गया आधार कार्ड अन्य राज्य का था जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा इसी तरीका वारदात के आधार पर बाहरी गिरोह की भी जानकारी ली गई। साथ ही प्रकरण में मुखबीर लगाते हुए तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से भी आरोपियों को लोकेट किये जा रहे थे। इसी दौरान टीम के सदस्यों को आरोपियों की रायपुर में उपस्थिति की जानकारी मिली। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा आरोपियों को चिन्हांकित करते हुए दोनो आरोपियों को पकड़ा गया।

मुंबई से फ्लाइट पकड़कर आये थे आरोपी 

पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम साहेब बैनर्जी एवं अक्षय सोनी निवासी महाराष्ट्र का होना बताए। ठगी की तीनों घटनाओं को अंजाम देने की बात भी स्वीकार की और बताया कि फिर से ठगी की घटना को अंजाम देने हेतु रायपुर आये थे। आरोपियों द्वारा ठगी की घटना को अंजाम देने एवं रवाना होने हेतु फ्लाईट का उपयोग किया जाता था। ठगी की अन्य घटनाओं के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर इनके द्वारा देश भर में घूम-घूमकर मध्यप्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड एवं गुजरात सहित अन्य कई राज्यों में घटना को अंजाम दे चुके है।

दोनों आरोपियों के पास से 50 हजार नकदी जब्त 

आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ठगी की नगदी रकम 50,000 रूपये जब्त कर आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। आरेापी अक्षय सोनी पूर्व में भी थाणे, मुम्बई महाराष्ट्र से ठगी के प्रकरण में जेल रह चुका है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं, साहेब बनर्जी पिता जोगेश बनर्जी मुम्बई महाराष्ट्र और अक्षय सोनी पिता हेमंत सोनी मुम्बई महाराष्ट्र है।