IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत : हाईकोर्ट ने राजद्रोह केस में प्रोसिडिंग को किया रद्द, कांग्रेस सरकार में दर्ज हुई थी FIR 

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सीनियर ऑफिसर जीपी सिंह को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सीनियर IPS ऑफिसर जीपी सिंह को बड़ी राहत देते हुए राजद्रोह केस में सभी प्रोसिडिंग को रद्द कर दिया है। 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सीनियर आईपीएस ऑफिसर जीपी सिंह को हाई कोर्ट से फिर बड़ी राहत मिली है। हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने राजद्रोह केस में सभी प्रोसिडिंग को रद्द कर दिया है। कांग्रेस सरकार में 1994 बैच के IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। जीपी सिंह पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्हें जनवरी 2022 में गिरफ़्तार कर लिया गया था।

दरअसल 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर ऑफिसर IPS जीपी सिंह को CAT से बड़ी राहत मिली थी। जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को CAT ने चार सप्ताह में निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। जीपी सिंह पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा था।

कांग्रेस सरकार में हुआ था राजद्रोह का केस

एसीबी ने जुलाई 2021 को सिंह के बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर छापा मारा था। इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई दस्तावेज मिले थे। इसके बाद एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की थी। वहीं दूसरी तरफ उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने उन्हें 5 जुलाई को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 8 जुलाई को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया था।

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जनवरी 2022 में हुई थी गिरफ़्तारी

पूरे मामले की गहन जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को IPS जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत भी मिल गई थी। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश के बाद 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने IPS जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंपलसरी रिटायर कर दिया था।

सरकारी बंगले से मिले थे संवेदनशील सामान

आरोप है कि उनके सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थी। जिसकी जांच के बाद सरकार विरोधी गतिविधियों की खबर सामने आई थी। इसी आरोप के तहत उनके खिलाफ FIR दर्ज किया गया था। वहीं इस दौरान जीपी सिंह ने पुलिस की FIR को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में उन्होंने खुद को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है।

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