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सोमवार को अलग-अलग जगहों पर की गई छापे की कार्रवाई में मिले प्रापर्टी तथा अन्य लेन-देन के दस्तावेजों का मिलान किया गया। जिन लोगों के यहां छापे की कार्रवाई की गई है।

रायपुर। टैक्स चोरी करने तथा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और उनके करीबी कुछ कारोबारियों के यहां से सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी मिलने की बात सामने आ रही है। इनके ठिकानों से मिले प्रापर्टी के दस्तावेजों की जांच   जारी है। जांच पूरी होने के बाद गड़बड़ी का आंकड़ा और बढ़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक जिनके यहां से गड़बड़ी मिली है, उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि सूचना संकलन के आधार पर आयकर अफसरों के तीन सौ अफसर कर्मियों की टीम ने अमरजीत भगत और उनके करीबी कारोबारी हरपाल सिंह तथा भिलाई में रियल एस्टेट कारोबारी अजय चौहान सहित रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ तथा अंबिकापुर में 45 से ज्यादा ठिकानों में पिछले सप्ताह छापे की कार्रवाई की थी।

छापे की कार्रवाई पर रविवार को विराम लगा। सोमवार को अलग-अलग जगहों पर की गई छापे की कार्रवाई में मिले प्रापर्टी तथा अन्य लेन-देन के दस्तावेजों का मिलान किया गया। जिन लोगों के यहां छापे की कार्रवाई की गई है, उनके यहां से सौ करोड़ रुपए गड़बड़ी प्रारंभिक जांच में मिली है। दस्तावेजों की पूरी मिलान करने के बाद आंकड़ा दो सौ करोड़ रुपए से पार होने की बात सूत्र बता रहे हैं। आयकर अफसरों को जो प्रापर्टी के दस्तावेज मिले हैं उनमें से ज्यादा प्रापर्टी के दस्तावेज कमर्शियल उपयोगिता से जुड़े हैं।

धरमपुरा में मिली करोड़ों की प्रापर्टी

अमरजीत भगत के करीबी तथा कारोबारी हरपाल सिंह के पास से धरमपुरा में अमरजीत सिंह भगत के करोड़ों की प्रापर्टी के दस्तावेज मिलने की बात सूत्र बता रहे हैं। धरमपुरा में मिले प्रापर्टी कब खरीदी गई, इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। आईटी अफसर इस संबंध में हरपाल सिंह से जवाब तलब कर रहे हैं।

ऐसे किए कच्चे में लेन-देन

प्रापर्टी खरीदने में जो कच्चे में लेन-देन करने की बात सामने आई है। किसी प्रापर्टी का सरकारी वैल्यूएशन एक करोड़ रुपए है, लेकिन उसका बाजार भाव पांच करोड़ रुपए है, तो उस प्रापर्टी की रजिस्ट्री सरकारी भावा के हिसाब से की गई है। इसके बाद शेष चार करोड़ रुपए के हिसाब से प्रापर्टी बेचने वाले को कैश अथवा किसी अन्य अकाउंट से कैश ट्रांजेक्शन कर टैक्स चोरी की गई।

एक लॉकर  को सील किया 

छापे की कार्रवाई के दौरान 12 लॉकर मिले थे, उनमें से 11 लॉकरों को ऑपरेट किया जा चुका है। लॉकरों में उम्मीद के मुताबिक किसी तरह से कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। एक लॉकर के ओनर के नहीं होने की वजह से उसे सील किया गया है, जिसे बाद में ऑपरेट किया जाएगा।

हमें गोली मार दीजिए

आईटी छापे के बाद अमरजीत भगत ने आईटी अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आईटी अफसर ने उनके पुराने स्टाफ के साथ मारपीट करते हुए दस्तावेजों में दबाव पूर्वक हस्ताक्षर लिए। आईटी कार्रवाई को लेकर अमरजीत ने आरोप लगाते हुए कहा कि गैर भाजपाई आदिवासी नेताओं को बीजेपी टारगेट कर रहे हैं। इससे तो अच्छा झंझट से बचने आप हमें और जितने आदिवासी नेता है, उन्हें गोली मार दीजिए।

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