जीवानंद हलधर-जगदलपुर। बस्तर में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन में अब सुरक्षाबलों की नजर नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क पर है। जो लोग नक्सलियों का साथ देते हैं वे अब सलाखों के पीछे जाएंगे। इसके अलावा बस्तर पुलिस बाहर प्रदेशों में रहने वाले ऐसे सफेदपोश लोगों की भी कुंडली बना रही है जो नक्सलियों के हमदर्द बनते हैं और मुठभेड़ के बाद उनके हिमायती बनते हैं। 

अब पड़ोसी राज्यों से तालमेल कर ऑपरेशन किया जाना है, जिसे लेकर पड़ोसी राज्यों से ऐसे लोगों का डाटा भी मंगवाया जा रहा है जो भोले-भाले आदिवासियों को ढाल बनाकर नक्सल गतिविधियों में शामिल होते हैं। बस्तर पुलिस ने उन लोगों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है जो बिना मतलब जंगल-जंगल भटकते हैं। 


 सफेदपोश लोगों को बस्तर आईजी ने दी चेतावनी  

वहीं बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने अब ऐसे सफेद पोश लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि, प्रतिबंधित गैर माओवाद संगठन का साथ देने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। अब सरकार नक्सलियों के साथ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। अबूझमाड़ के जंगलों को नक्सलियों का सुरक्षित गढ़ माना जाता था। अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान के चलते अब जल्द ही नक्सलियों के कब्जे से ऐसे इलाकों को भी नक्सल मुक्त किया जाएगा। 

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नक्सलियों को हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करना चाहिए – बस्तर आईजी 

नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण का बेहतर विकल्प है। उन्हें नक्सल संगठन के असली चेहरे और उद्देश्य को समझना चाहिए और हिंसा का रास्ता छोड़कर संगठन का त्याग करना चाहिए। सरकार उन्हें पुनर्वास नीति के तहत उन्हें पूरा लाभ देगा और वे दोबारा मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।