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जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर  की इंद्रावती नदी भीषण जल संकट की दौर से गुजर रही है। लेकिन इसे बचाने के लिए अब बस्तर वासी भी सामने आ गए हैं। वहीं किसानों के प्रदर्शन के बाद छत्तीसगढ़ और उड़ीसा बॉर्डर पर बने जोरा नाला से कुछ पानी छोड़ा गया है। इंद्रावती नदी का बहाव बस्तर की ओर आने के बाद अब राजनीति भी शुरु हो गई है। उड़ीसा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल के नेताओं ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, दोनों सरकारें अपनी मनमानी कर रहीं हैं। 

इधर जोरा नाला का पानी बस्तर की ओर जाने से उड़ीसा में जल संकट गहराने लगा है। ऐसे में उन्होंने बस्तर को पानी नहीं देने की बात कही है। विरोध करने पहुंचे उड़ीसा के मुख्य विपक्षी पार्टी ने हंगामा कर बॉर्डर पर रेत से भरी बोरियों को हटाकर कर दोनों सरकारो के खिलाफ नारेबाजी की। ऐसे में बस्तर के हक का मिलने वाला पानी को रोक दिया है। 

बस्तरवासियों ने जताई नाराजगी 

इस घटना को लेकर बस्तरवासियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, पानी को लेकर राजनीति करने वालों को भगवान सद्बुद्धि दे। लेकिन बस्तर के हक का पानी छिनने वालों को बस्तरवासी कभी माफ नही करेंगे। 

छिना जा रहा है उड़ीसा के हक का पानी- बीजू जनता दल के नेता 

इधर जोरा नाला में विरोध करने पहुंचे बीजू जनता दल के नेता और पूर्व मंत्री ने दोनों सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उड़ीसा को भी उसके हक का पानी मिलना चाहिए। 

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पूर्व विधायक ने की निंदा

जल बंटवारे को लेकर अब बस्तर में राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस के पूर्व जगदलपुर विधायक ने बीजू दल के विरोध पर निंदा की है। उन्होंने कहा कि, अगर दोनों सरकारें अगर जोरा नाला में जल बंटवारे पर कोई ठोस पहल नही करती हैं तो कांग्रेस बस्तर वासियों के साथ उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।