रायपुर। आम जनता की समस्याओं एवं शिकायतों के निराकरण के लिए कलेक्टोरेट में जनचौपाल कक्ष शुरू किया गया है, जहां रोजाना आवेदन तो लिए जा रहे हैं, लेकिन उनके निपटारे में संबंधित अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं दिख रही है। इस वजह से आवेदनों का समय पर निराकरण भी नहीं हो पा रहा है और आमजन लगातार अपने आवेदन के निवारण की स्थिति जानने बार-बार कलेक्टोरेट के चक्कर लगा रहे हैं।

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने जिले की जनता की समस्याओं व शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण करने के उद्देश्य से कलेक्टोरेट में प्रतिदिन कार्य दिवस पर जनचौपाल कक्ष का शुभारंभ किया है। इससे पहले सप्ताह में सिर्फ एक दिन जनचौपाल आयोजित किया जाता था, जिसमें कलेक्टर स्वयं लोगों की समस्या व शिकायत सुनकर उनका निराकरण करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते थे, लेकिन लोगों की बढ़ती समस्या व शिकायतों को सुनने के लिए एक दिन कम पड़ता था, इसलिए कलेक्टर ने जनचौपाल कक्ष खुलवाया है, ताकि हर दिन आम लोगों की समस्याएं व शिकायतें सुनी जा सकें। इसके लिए अलग-अलग दिन अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई हैं। कलेक्टर की तरह अधिकारी जनचौपाल में लोगों के आवेदन तो लेते हैं, लेकिन समस्या का जल्द से जल्दा निराकरण कराने के प्रति गंभीरता नहीं बरती जाती है, जिसके कारण आवेदनों से संबंधित विभागों के अधिकारी भी शिकायत व समस्या का निराकरण कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और परिणाम स्वरूप लोगों को बार-बार जनचौपाल में आकर आवेदन देने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

3 से 16 जुलाई तक 139 आवेदन 16 निराकृत

चालू माह में 3 से 16 तारीख तक कुल 139 आवेदन मिले हैं। इनमें कलेक्टर जनचौपाल में 90 आवेदन मिले हैं, जबकि जनचौपाल कक्ष में 49 आवेदन आए हैं। इन सभी आवेदनों में सिर्फ 16 का ही निराकरण किया गया है, जबकि अन्य आवेदन लंबित हैं।

हर दिन औसतन 5 से 10 आवेदन

कलेक्टर की मौजूदगी में होने वाले जनचौपाल में 50 से 70 आवेदन पहुंचते हैं, जबकि इसकी तुलना में जनचौपाल कक्ष में प्रतिदिन 5 से 10 आवेदन ही पहुंच रहे हैं। इनमें भी कई आवेदन ऐसे हैं, जो पहले भी जनचौपाल में आ चुके हैं। इन आवेदनों का निराकरण नहीं होने के कारण इससे जुड़े फरियादी बार-बार जनचौपाल में आकर आवेदन दे रहे हैं।

7 जून से 1 जुलाई तक 190 आवेदन, 135 निराकृत

विभाग के कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार, कलेक्टर जनचौपाल सहित जनचौपाल कक्ष में 7 जून से लेकर 2 जुलाई तक कुल 190 आवेदन पहुंचे थे। इनमें फरियादी शिकायत के साथ समस्या को लेकर भी आवेदन किए थे। इन आवेदनों में 135 आवेदनों का ही निराकरण किया गया है, जबकि 55 आवेदन अब तक लंबित पड़े हुए हैं।

कागजों में निराकरण

जनचौपाल में ऐसे कई शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनका निराकरण सिर्फ कागजों में कर दिया जा रहा है। जून माह के अंतिम दिनों में आरंग क्षेत्र के ग्राम भटिया निवासी एक दंपति ने नल जल मिशन योजना के तहत घर-घर दिए गए नल कनेक्शन में पानी की पतली धार आने तथा गांव के कई लोगों द्वारा पाइपलाइन से अवैध रूप से कनेक्शन लिए जाने की शिकायत प्रमाण के साथ की थी। इस शिकायत के बाद इस मामले में जांच या कार्रवाई करना छोड़ संबंधित अधिकारी ने खानापूर्ति करते हुए कागजों में शिकायत को गलत ठहरा दिए हैं। इस तरह कई शिकायतें है, जिनका निराकरण अधिकारियों ने सिर्फ अपने जवाब में ही कर दिया है।

जनचौपाल में विलंब से पहुंच रहे अधिकारी

जनचौपाल में लोगों की समस्या को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसका पता जनचौपाल में उनकी उपस्थिति का समय देखकर लगाया जा सकता है। जनचौपाल में आवेदन लेने का समय सुबह 11 से शाम 5 बजे तक है। गुरुवार को 3 अधिकारियों की ड्यूटी जनचौपाल में लगाई गई थी, लेकिन इनमें से दो अधिकारी गायब मिले, वहीं एक अधिकारी दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर जनचौपाल कक्ष पहुंचे। इस दौरान यहां मौजूद करीब 15 से 20 लोग अधिकारी का इंतजार करते बैठे रहे।