रामचरित द्विवेदी- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले के झिरिया अंडरग्राउंड खदान में ब्लास्टिंग के बाद ड्रेसिंग के दौरान दुर्घटना हो गई। जिससे दो मजदूरों की मौत हो गई। ड्रेसिंग काम के ब्लास्टिंग के बाद मजदूर काम कर रहे थे तभी ऊपर छत से पत्थर गिरने से इसकी चपेट में आ गए। वहीं इस घटना के बाद से खदानों में मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मनेन्द्रगढ़ में अंडरग्राउंड खदान में ब्लास्टिंग के बाद ड्रेसिंग के दौरान हादसा होने से दो मजदूरों की मौत हो गई. @MCBDistrictCG #Chhattisgarh #CoalMine #laborer #Death pic.twitter.com/UfVFIHdqVk
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 4, 2024
दरअसल, यह पूरा मामला SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के हसदेव क्षेत्र के राजनगर उपक्षेत्र स्थित झिरिया अंडरग्राउंड खदान का है। जहां पर ब्लास्टिंग के बाद ड्रेसिंग के दौरान छत से गिरते पत्थरों के गिरने के कारण मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए। जिसके बाद तुरंत घायल मजदूर को अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक मजदूरों का नाम लखन लाल और वॉल्टर तिर्की है।
खदानों में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
ड्रेसिंग काम के ब्लास्टिंग के लगभग डेढ़ घंटे बाद भी मजदूर काम कर रहे थे। यह घटना खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के प्रति प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है। साथ ही खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी उठाती है।
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खदानों में सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि, खदान में सुरक्षा मानकों को गंभीरता से लागू नहीं किया जा रहा है। छत को सपोर्ट देने के लिए प्रयुक्त उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। हादसे की तत्काल और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी प्रबंधन अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। यह घटना सभी संबंधित पक्षों के लिए एक चेतावनी है कि, खदान सुरक्षा को हल्के में लेना श्रमिकों की जान के लिए खतरा बन सकता है।