रायपुर। जंगल सफारी में नागालैंड जू से जहां दो नए मेहमान हिमालयन भालू लाए गए हैं, पर अनंत अंबानी के गुजरात जामनगर स्थित जू वंतारा से सफेद भालू के बदले जेब्रा तथा मीरकैट की अदली बदली विवादों में आ गई है। जंगल सफारी तथा वनतारा प्रबंधन के बीच जो पूर्व में वन्यजीवों की अदला-बदली करने सहमति हुई थी, उसमें सफेद भालू की जगह सामान्य भालू देने सहमति हुई थी।
ऐसे में जेब्रा तथा मीरकैट के बदले सफेद भालू दिए जाने को लेकर वन्यजीव प्रेमी सवाल खड़ा कर रहे हैं। गौरतलब कि जंगल सफारी प्रबंधन के साथ वंतारा जू शुरू होने के पूर्व आठ मई 2020 को वन्यजीवों की अदला-बदली करने सहमति हुई थी।
छत्तीसगढ़ के इस जंगल में पाए जाते हैं सफेद भालू
वन्यजीवों के जानकारों के मुताबिक, सफेद भालू रहने को सामान्य भालू की तहत ही है, लेकिन जेनेटिक कारणों से सामान्य भालू का रंग काला की जगह सफेद हो गया है। सफेद भालू छत्तीसगढ़ के मरवाही के जंगल में ही पाए जाते हैं। इस वजह से सफेद भालू की गिनती रेयर प्रजाति के वन्यजीव में होती है। मरवाही के जंगल में वर्तमान में 25 के करीब सफेद भालू हैं।
अफसर बोले- प्रक्रिया प्रोसेस में
वन्यजीवों की अदला बदली को लेकर जंगल सफारी के डायरेक्टर धमशील गणवीर ने पुष्टि की है। अफसर का कहना है कि वंतारा से जेब्रा तथा मीरकैट के बदले एक सफेद भालू दिया जाएगा। अफसर ने वन्यजीवों की अदला बदली प्रोसेस में होने की जानकारी दी है। साथ ही अफसर ने जल्द ही वन्यजीवों की अदला-बदली करने की बात कही।
नागालैंड से पहुंचे दो हिमालयन भालू
जंगल सफारी के डायरेक्टर के अनुसार, तीन दिन पूर्व नागालैंड जू से दो हिमालयन भालू लाया गया है। अफसर के अनुसार दोनों हिमालयन भालू को अभी कोरेंटाइन में रखा गया है। हिमालयन भालू को जल्द ही बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा।
वन्यजीव प्रेमियों का यह कहना है
वंतारा जू से यजीवों की अदला-बदली को लेकर वन्यजीव प्रेमी नाराज हैं। वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी का कहना है कि मरवाही से रेस्क्यू किया गया सफेद भालू पूरी तरह से स्वस्थ्य है, तो उसे जू में रखे जाने के बजाय उसके मूल रहवास क्षेत्र में छोड़ देना चाहिए। वन्यजीव प्रेमी वंचना लाबान का इस संबंध में कहना है कि जोड़े में रह रहे सफेद भालू को अलग करने से उनमें हताशा की स्थिति उत्पन्न होगी। वंचना ने भी दोनों सफेद भालुओं को उनके प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने की बात की है।