महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में लगातार चल रहे वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा जगह-जगह पर पेट्रोलिंग कैंप और वन्य प्राणियों के सुरक्षा हेतु स्थानीय आदिवासी युवाओं पेट्रोलिंग गार्ड के रूप में नियुक्त कर लगातार मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने से वन्य प्राणियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
दरसअल, हाल ही में जंगली भेड़ियों की तस्वीर और वीडियो कैमरा ट्रैप में सामने आया है। जिसमें पांच के झुंड में भेड़ियों को विचरण करते देखा गया है। भारतीय भेड़िया प्रजाती संकटापन्न स्थिती में है। इन्हे भी बाघ के जैसे यह प्रजाति वन्यजीव सरंक्षण अधिनियम में अनुसूची में रखा गया है। एक सर्वे के अनुमान से भारत में इनकी संख्या लगभग 3100 के करीब है, जो मुख्य रूप से भारत में भारतीय भेड़िया गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरला और आंध्रप्रदेश राज्यों में टॉप प्रिडिएटर वर्ग में पाए जाते है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में इनका रहवास सुरक्षित होने के कारण जंगली भेड़िया की ओर पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं।
17 पेट्रोलिंग कैंप स्थापित
राष्ट्रीय उद्यान में 17 पेट्रोलिंग कैंप स्थापित किए गए हैं। जहां स्थानीय युवा पेट्रोलिंग गार्ड के रूप में कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों की वन्यजीव संरक्षण में सहभागिता के परिणाम स्वरूप यहां संकटापन्न प्रजातियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
वन्य प्राणियों की लगातार बढ़ रही है संख्या
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने बताया कि, राष्ट्रीय उद्यान में वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय आदिवासी समुदाय के युवाओं को वन्य जीव संरक्षण में सहभागी एवं वन्य जीव सरंक्षण कार्यों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने से वन्य प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ रहे हैं।