गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर भानुप्रतापपुर ब्लॉक के तुड़गे गांव समेत आस- पास के अन्य गांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां निजी फाइनेंस कंपनियों ने पहले तो ग्रामीणों को समूह बनाकर लोन दिया, लेकिन जब ग्रामीण कुछ महीने की किस्त नहीं जमा कर पाए तो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट ग्रामीणों के घरों में घुस रहे हैं और उन्हें डरा- धमका रहे हैं। यहां तक कि, वे बच्चों को बेचकर किस्त जमा करने के लिए कह रहे हैं। जिससे घबराकर ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे और प्रशासन से मामले की शिकायत की है।
यह है पूरा मामला...
मामले की जानकारी मिलते ही हमारी सहयोगी चेनल INH 24*7 की टीम उस गांव पहुंची, जहां इन फाइनेंस कंपनियों ने आतंक मचा रखा है। वहां जो स्थिति देखने को मिली वो बेहद चिंतनीय है। नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों में निजी फाइनेंस कंपनियों का सिंडीकेट फैला हुआ है। इस मकड़जाल में निजी फाइनेंस कंपनियों ने ग्रामीणों को इस कदर जकड़ लिया है कि, ग्रामीण अपनी जमीन बेचकर किस्त जमा कर रहे है। फाइनेंस कंपनियों ने इतना दबाव बनाया कि, आमकड़ा के एक ग्रामीण ने आत्महत्या कर ली है। वहीं घर में घुसकर उन्हें उनके बच्चों को बेचने की धमकी दे रहे हैं, जिससे ग्रामीण बुरी तरह डरे हुए हैं। रिकवरी के नाम पर फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी, आरबीआई की गाइड लाइन का पालन करना तो दूर, सीधे लोगों को धमका रहे हैं। महिलाओं की माने तो एक क़िस्त भी छूट जाने पर रिकवरी एजेंट उनके घर पहुंचकर धमकाते हैं। यही नहीं वे बच्चों को बेचकर पैसा जमा करने की बात कहते हैं। ये रिकवरी एजेंट पैसा वसूलने के नाम पर महिलाओं को अपमानित कर रहे हैं।
गांव की महिलाएं पहुंचीं कलेक्ट्रेट
दरसअल, कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल क्षेत्र की महिलाएं कलेक्टर से शिकायत करने मुख्यालय पहुंची थी। हमारे सहयोगी चेनल INH 24*7 की टीम मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर ग्राम चवेला और तुड़गे पहुंची। जहां हमारी टीम ने शिकायत करने वाले लोगों से मुलाकात की। जहां उन्होंने बताया कि, किस तरह फाइनेंस कम्पनियों के रिकवरी एजेंट उनके साथ किस तरह व्यवहार करते हैं।
ग्रामीणों ने बताई आप बीती
गांव में हमें गोद में बच्चा लिए एक महिला मिली, जिसका नाम शारदा पटेल है। उन्होंने हमें बताया कि, मैंने एक फाइनेंस कम्पनी से लोन लिया है। कुछ राशि इन्होंने जमा भी की। इस दौरान कुछ महीने राशि जमा नहीं कर पाए। तब रिकवरी एजेंट इनके पास पहुंचे और इन्हें कही से भी पैसा जमा करने कहते रहे। लेकिन एक दिन तो हद हो गई। कम्पनी के एजेंटों ने बच्चों को बेचकर पैसा जमा करने कह डाला और तो और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। जमा नहीं करने पर घर के समान उठा कर ले जाने धमकी दी।
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पीड़ित महिला बोली- दो एकड़ जमीन बेची, फिर भी नहीं चुका पाए कर्ज
हमें परमेश्वरी टांडिया मिलीं जो कि गर्भवती हैं और उनके पेट में 7 महीने का बच्चा पल रहा है। महिला ने बताया कि, इस तरह का व्यवहार उन्हें बहुत बेकार लगता है। पैसा निकाले हैं तो जमा हम जरूर करेंगे। लेकिन उनकी बत्तमीजी बहुत ज्यादा बढ़ गई है, उनके द्वारा पुलिस थाना में बैठाने की धमकी दी जाती है। इस संबंध में थाना में भी शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एजेंट सामानों को लेकर जाने की धमकी देते है। वही एक अन्य महिला सावित्री टांडिया ने बताया कि, हमनें अपनी दो एकड़ जमीन बेचकर किस्त जमा किया है। इसके बाद भी पूरी किस्त जमा नहीं कर पाई है, और उन्हें रोजाना फाइनेंस कंपनी के एजेंट प्रताड़ित करने उनके घर पहुंच जा रहे है।
रिकवरी एजेंट छिपाने लगा पहचान
ग्रामीणों से बातचीत के दौरान हमारी मुलाकात मौके फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट से हो गई। हमने उनसे पैसा रिकवरी के नाम पर डराए धमकाए जाने, की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि, हमारे द्वारा किसी को डराया धमकाया नहीं जाता है। अगर कोई बोल दे मेरे द्वारा धमकाया जाता है तो मैं अपनी नौकरी छोड़ दूंगा और 6 महीने तक इनके खाने का खर्च उठाऊंगा। रिकवरी एजेंट के साथ कंपनी के मैनेजर माहेश्वर साहू भी थे। जिनसे सवाल करने पर पहले तो उन्होंने खुद को मैनेजर मानने से इनकार के दिया। लेकिन जब ग्रामीणों ने बताया कि, यही फाइनेंस कंपनी के मैनेजर हैं, जब उनसे सवाल किया गया तो वो हमारी टीम से उलझने लगे। उन्होंने कहा कि, मेरी कंपनी के नाम पर कोई शिकायत नहीं है और शिकायत कॉपी दिखाने की जिद करने लगे। लेकिन जब हमारी टीम ने शिकायत कॉपी में कंपनी का नाम दिखाया तो उनके सुर बदल गए और कहने लगे कि मेरे यहां से कोई इस तरह का व्यवहार नहीं करता है।
ताक पर रखे गए RBI के नियम, गांव की महिलाओं ने की सख्त कार्रवाई की मांग
RBI के नियमों के अनुसार, रिकवरी एजेंट को घर आने से पहले ग्राहक को होम विजिट लेटर देना चाहिए। लेकिन यहां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना किसी विजिट लेटर के सुबह 6 बजे से घरों पहुंच जाते है। जो कि 9 बजे तक रहते है। महिलाओं ने कहा कि, ये लोग सुबह- सुबह हमारे घर आते हैं। इससे हमारे घर के दूसरे काम नहीं हो पाते। जबकि, RBI का नियम है कि, सुबह 8 बजे पहले और शाम 7 बजे के बाद कोई कॉल नहीं करेगा। लेकिन ये लोग इस नियम का पालन नहीं करते हैं। महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि, इन रिकवरी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वे चाहती हैं कि, उन्हें सुरक्षा मिले और उनके हक की रक्षा की जाए।
प्रशासन बोला- एसडीएम के माध्यम से करवाएंगे जांच
इस मामले को लेकर जब हम प्रशासन से बातचीत की तो उनका कहना है कि, ग्रामीणों की शिकायत के बाद एसडीएम से कहकर इसकी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।