रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में कान्यकुब्ज साहित्य परिषद् द्वारा सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में राजधानी व प्रदेश स्तरीय कवियों की सहभागिता ने भाग लिया । कवियों के द्वारा एक से बढ़कर एक सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की गई जिससे हॉल में बैठे श्रोतागण काव्यगोष्ठी में रम गए थे।
कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय कवियों ने भाग लिया गया. इन कवियों ने पावस ऋतु, सावन, देशभक्ति,और अन्य विषयों पर कविता पाठ किया इस दौरान अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रकाश अवस्थी ने कहा कि, साहित्य को समाज से जोड़े रखने की आज सबसे ज्यादा जरूरत है।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार शशि बाजपेयी, डीके बाजपेयी, शिवा बाजपेयी, सुरेश मिश्रा और वरिष्ठ समाजसेवी प्रकाश अवस्थी शामिल हुए ।
इन कविताओं का हुआ पाठ
शुभा शुक्ला
चलों सखि झूला झूलेंगे आंगनमे,
आओ सखि कजरी गाएंगे आंगन में।
निश्चय बाजपेयी
गीतकारी वो जो बेचैन मन कै धीर दे
अपनी पे उतर आए तो सीना चीर दे।
श्रद्धा पाठक
चम चम चमके चंचला चहुं दिशा चहुं ओर,
चमक झमक चांदनी चमकाती हैं भोर पढी गयी।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर अजय किरण अवस्थी, अनिल शुक्ल, अरुण शुक्ला, सुरेश मिश्रा, चंद्रिकाशंकर बाजपेई, विजय शुक्ला,विमल शुक्ला,आशुतोष पांडे,रंजू त्रिवेदी,प्रीति मिश्रा, शशि पांडे, सरिता त्रिवेदी,माधुरी शुक्ला,सरोजनी बाजपेई,जयंत मिश्रा,शशि मिश्रा, जे पी मिश्रा,बद्री मिश्रा,प्रीति रानी तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे ।