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रायगढ़ घराने के प्रसिद्ध कत्थक गुरू रामलाल बरेठ की कला साधना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

संदीप करिहार/बिलासपुर- रायगढ़ घराने के प्रसिद्ध कत्थक गुरू रामलाल बरेठ की कला साधना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। दिल्ली में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 9 मई को उन्हे राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के हाथों देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। पद्मश्री पुरस्कार मिलने से रायगढ़ और बिलासपुर वासियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। 

कत्थक गुरू रामलाल बरेठ का जन्म कहां हुआ था 

कत्थक गुरू रामलाल बरेठ का जन्म जांजगीर-चांपा के भुंवरमाल गांव में हुआ था। इसके बाद वे अपने पिता के साथ रायगढ़ के राजघराने में रहने लगे, यहां पर उन्होंने कई दशकों तक कत्थक किया और अब उनकी प्रतिभा को देखते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है।

परिवार में खुशी की लहर 

पद्मश्री से नवाजे गए कत्थक गुरू रामलाल बरेठ का परिवार काफी खुश है। उनकी पत्नी का नाम मथुरा बरेठ है और दोनों के दो बच्चे हैं। सालों की तपस्या के बाद उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। जिससे उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं। 

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