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कवर्धा जिले के बोड़ला विकासखण्ड अंतर्गत बैजलपुर-सिंघारी वन उप परिक्षेत्र के वनांचल ग्राम लब्दा में इन दिनो एक बाघिन ने डेरा जमा लिया है।

कवर्धा। जिले के बोड़ला विकासखण्ड अंतर्गत बैजलपुर-सिंघारी वन उप परिक्षेत्र के वनांचल ग्राम लब्दा में इन दिनो एक बाघिन ने डेरा जमा लिया है। बताया जाता है कि बाघिन के साथ उसके दो शावक भी हैं जो लगातार क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीण कई बार बाघिन और उसके शावकों को गांव के आसपास घूमते फिरते देख चुके हैं। जिसे लेकर ग्रामीणों में भारी दहशत देखी जा रही है। हालांकि ग्रामीणों से लब्दा गांव के आसपास बाघिन की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद वन विकास निगम ने ग्राम लब्दा सहित आसपास के आबादी क्षेत्रों में कोटवार के जरिए मुनादी करा दी है और ग्रामीणों को सतर्क तथा सावधान रहने की हिदायत दे दी है। वहीं वन विभाग बाघिन और उसके शावकों पर नजर रखे हुए है। 

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बाघिन के पंजों के निशान

इस संबंध में क्षेत्रीय ग्रामीणों की माने तो बाघिन अपने दो शावकों के साथ बीते करीब पंद्रह दिनो से ग्राम लब्दा के आसपास मौजूद है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि बाघिन मध्यप्रदेश के ग्राम मवई से होते हुए बोड़ला-पंडरिया की सीमा से लगे ग्राम बाकी तथा घुंडसी से होते हुए यहां पहुंची और अब ग्राम लब्दा के आसपास डेरा डाले हुए है। इस संबंध में ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद वन विकास निगम के अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया है और गांव के आसपास कई स्थानो में बाधिन और उसके शावकों के फुट प्रिंट भी प्राप्त किए हैं। वहीं विभाग को खूफिया कैमरे से बाघिन और उसके शावकों की कुछ फुटेज भी मिली है। जिसे देखते हुए अब विभाग ने ग्राम लब्दा सहित आसपास के ईलाकों में कोटवार के जरिए मुनादी करा दी है और बाधिन तथा उसके शावकों पर नजर रखे हुए हैं।

लगातार दिखाई दे रही बाघ-बाघिन की धमक

गौरतलब है कि अभी हाल ही में विकासखण्ड पंडरिया में भी एक बाघ ने दस्तख दी थी और सीमावर्ती गांव में कई दिनो तक डेरा डाल रखा था। इस दौरान उसने पंडरिया सीमा से लगे मध्यप्रदेश के गांव में कुछ मवेशियों का भी शिकार किया था। जिसे लेकर भी पंडरिया के सीमावर्ती गांव में बसे ग्रामीणों को कई दिनो तक दहशत के बीच दिन गुजारने पड़े थे। कमोबेश वैसी ही स्थिति अब बोड़ला के वनांचल ग्राम लब्दा क्षेत्र में देखने को मिल रही है।

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