संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में किसानों और युवाओं के हितों को ध्यान रखते हुए 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से एथेनाल प्लांट का निर्माण किया गया है। ताकि युवाओं को रोजगार और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान हो सके। जबकि, रॉ मटेरियल उपलब्ध है, ऐसे में प्लांट के अधिकारी और कर्मचारियों पर सवाल उठने लगे हैं।
प्लांट और LKJ बायोफ्यूल कंपनी की उदासीनता के चलते ना केवल प्लांट पिछले दो महिने से बंद है। बल्कि, कवर्धा और पंडरिया दोनों शुगर फैक्ट्री का करोड़ों रुपए भुगतान भी बाकी है। जिसके चलते किसानों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है और वहीं स्थानीय युवाओं को रोजगार के मामले में भी प्लांट फिसड्डी साबित हो रहा है।
12 करोड़ का भुगतान बकाया
इधर किसान और दोनों ही शुगर फैक्ट्री प्लांट के अधिकारियों से बकाया राशि की भुगतान को लेकर इंतजार कर रहे हैं। जिसमें भोरमदेव शुगर फैक्ट्री का तकरीबन 12 करोड़ रुपए और सरदार वल्लभ भाई पटेल कारखाना का 4 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि बकाया है। यही वजह है कि दोनों ही शुगर फैक्ट्री में किसानों के लिए राशि भुगतान करने में लेट लतीफी हो रही है।
जीएम- प्लांट में रा मटेरियल की कमी
एथेनाल प्लांट की जीएम का कहना है कि, प्लांट बंद होने की वजह रा मटेरियल की कमी है। जबकि दोनों ही शुगर फैक्ट्री में दस हजार टन से ज्यादा मोलासिस उपलब्ध है। ऐसे में प्लांट के अधिकारी और कर्मचारियों पर सवाल उठने लगे हैं जब रा मटेरियल मौजूद है इसके बावजूद मटेरियल नहीं है कहकर प्लांट को क्यों बंद किया गया है।