विरोध प्रदर्शन : मीराबाई चौक को तोड़े जाने पर कांग्रेस का तीखा विरोध, 17 अप्रैल को चक्काजाम की चेतावनी

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कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम टंकेश्वर साहू को विरोध-पत्र सौंपते हुए।
नगर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक मीराबाई चौक को तोड़े जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तीखा विरोध दर्ज किया है। कांग्रेस ने नगर पालिका प्रशासन पर बिना जनसुनवाई और विधिसम्मत प्रक्रिया को चौक से हटाने का आरोप लगाया है। 

प्रदीप बोरकर- खैरागढ़। नगर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक मीराबाई चौक को तोड़े जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तीखा विरोध दर्ज किया है। कांग्रेस ने नगर पालिका प्रशासन पर बिना जनसुनवाई और विधिसम्मत प्रक्रिया को चौक से हटाने का आरोप लगाया है।

सांस्कृतिक विरासत का अपमान

विधायक यशोदा वर्मा की अगुवाई में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम टंकेश्वर साहू को विरोध-पत्र सौंपते हुए पीआईसी के निर्णय को खारिज करने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, यह कदम जनता की भावनाओं और सांस्कृतिक विरासत का अपमान है। विधायक वर्मा ने याद दिलाया कि, वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह के कार्यकाल में भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाई की प्रतिमा की स्थापना की गई थी। लेकिन अब बिना किसी प्रस्ताव और बैठक के उसे हटाया जाना गलत है।

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कोंग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन

इस विरोध में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी, शहर अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, मुढ़ीपार ब्लॉक अध्यक्ष कोमल साहू सहित युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवादल के कार्यकर्ता भी शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने मीराबाई चौक पर पहुंचकर नारेबाजी की और नगर प्रशासन के निर्णय की तीखी आलोचना की। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि, यदि नगर पालिका प्रशासन ने मीराबाई चौक को पूर्ववत नहीं बनाया, तो 17 अप्रैल को बड़ा आंदोलन कर चक्काजाम भी किया जाएगा।

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ये हैं कोंग्रेसियों की मांगें

1. पीआईसी के निर्णय को तत्काल रद्द किया जाए।
2. मीराबाई चौक को यथावत बहाल किया जाए।
3. अटल परिसर के लिए नई वैकल्पिक जगह तय की जाए।

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