मैं भगवान कल्कि का अवतार : खुद को अवतारी बताने वाला निकला कातिल, बेटे की जगह पिता को मार डाला

it was burnt here
X
यहीं था जलाया
कोरबा जिले के नवापारा गांव में खुद को कल्कि अवतार बताकर आरोपी ने एक बुजूर्ग को मौत के घाट उतार देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम विकास कुमार यादव है।

उमेश यादव- कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के नवापारा गांव में खुद को कल्कि अवतार बताकर आरोपी ने एक बुजूर्ग को मौत के घाट उतार देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम विकास कुमार यादव है, जो कोरबा-चांपा जिले की सीमा से लगे सिवनी गांव के सिंचाई कॉलोनी का निवासी है। आरोपी ने सुनियोजित ढंग से इस घटना को अंजाम दिया और पुलिस को गुमराह करने के लिए कई साजिशें रची।

दरसअल, यह पूरी घटना नवापारा गांव में रहने वाली एक महिला के साथ अवैध संबंधो को लेकर घटी। आरोपी विकास ने जिस बुजूर्ग रामसिंह कंवर की हत्या की थी। उसका ईरादा उसकी नहीं बल्की उसके पुत्र जगदीश कंवर की हत्या करना था। लेकिन धोखे से उसने जगदीश के पिता राम सिंह कंवर को मौत की नींद सुला दिया। पूछताछ के दौरान बात सामने आई हैं कि, जिस महिला के साथ आरोपी विकास यादव का अवैध संबंध था। उसी महिला के साथ जगदीश के भी संबंध थे। इसी बात को लेकर आरोपी और महिला के बीच हमेशा खटपट होती रहती थी। आरोपी ने महिला को काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी यही वजह थी कि आरोपी ने जगदीश को अपने रास्ते से हटाने की योजना बना लिया।

पांच लोगों को दी हत्या की धमकी

23 फरवरी की रात आरोपी मौके पर पहुंचा और चबूतरे पर सो रहे रामसिंह कंवर पर ताबड़तोड़ हमला कर गंभीर रुप से घायल किया और मौके से फरार हो गया। हालांकि, सुबह पता चला कि जगदीश घर के भीतर सो रहा था। चूंकी, विकास पर गांव में ही रहने वाले मोनू की नजर पड़ गई थी। इस कारण उसने मोनू के साथ ही अन्य पांच लोगों की हत्या करने संबंधी धमकी भरा संदेश लिख दिया। शक के आधार पर पुलिस ने विकास को एक बार हिरासत में लेकर पूछताछ भी की। लेकिन, पुलिस के सामने उसने अपना मुंह नहीं खोला और उसके बाद जिस मुक्तिधाम में रामसिंह कंवर का अंतिम संस्कार किया गया था उसी मुक्तिधाम के पिल्लर पर उसने तलवार और उसके नीचे चिट्ठी रख दी।

कड़ाई से पूछताछ के बाद कुबूला गुनाह

आरोपी के स्थानीय पत्रकार सरोज रात्रे ने पुलिस को पुख्ता जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने दुबारा आरोपी विकास यादव को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तब उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। इस पूरे मामले को सुलझाने में जितनी मेहनत पुलिस ने की है उतनी ही मेहनत स्थानीय पत्रकार सरोज रात्रे ने भी की है, इस लिहाज से पुलिस उसे सम्मानित भी कर सकती है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story