जांजगीर-चांपा। केएसके महानदी वर्धा पावर प्लांट के भू-अर्जन प्रकरण में सवा करोड़ से अधिक का मुआवजा भुगतान नहीं करने के मामले में जिला कोर्ट ने कलेक्टर, एसडीएम सहित प्रशासन की पांच गाड़ियों तथा कलेक्टर कार्यालय की अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के परिपालन की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम न्यायालय पहुंचीं। इस दौरान न्यायाधीश ने सबसे पहले एसडीएम की सरकारी गाड़ी को मौके पर ही कुर्क करने के आदेश दिए। उक्त वाहन को तत्काल जब्त कर लिया गया।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केएसके महानदी वर्धा पावर प्लांट में हुए जमीन अधिग्रहण के दौरान प्राप्त मुआवजा भुगतान से असंतुष्ट पक्षकार सुरेखा सिंह ने जिला न्यायालय में मामला दायर किया था। इस प्रकरण में जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर, भू अर्जन अधिकारी एसडीएम और उद्योग विभाग के महाप्रबंधक को पक्षकार बनाते हुए उन्होंने अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा था। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए वर्ष 2017 में मुआवजा भुगतान के आदेश न्यायालय ने दिए थे, लेकिन न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में पीड़ित पक्ष ने न्यायालय के आदेश के परिपालन नहीं होने की बात रखते हुए अपना पक्ष रखा, जिस पर पिछले दिनों अपर सत्र न्यायाधीश ने कलेक्टर और एसडीएम के वाहन सहित प्रशासन की छह गाड़ियों तथा कलेक्टर कार्यालय की अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए थे। इसी कड़ी में शुक्रवार 16 अगस्त को न्यायालय के कुर्की आदेश का पालन कराने वे कलेक्टोरेट पहुंचे।
जिला प्रशासन का पक्ष रखने आई थीं एसडीएम
बताया जाता है कि, न्यायालय में कुर्की आदेश मिलने के बाद जिला प्रशासन का पक्ष रखने के लिए जांजगीर एसडीएम और तहसीलदार को न्यायालय भेजा गया। कलेक्टर के निर्देश पर वे न्यायालय पहुंचे। इस दौरान न्यायाधीश शैलेन्द्र चौहान ने कुर्की की कार्रवाई तत्काल करते हुए एसडीएम की सरकारी गाड़ी क्रमांक-सीजी 02एच1212 को जब्त करने के आदेश दिए। आदेश होते ही एसडीएम की सरकारी गाड़ी को परिसर से ही जब्त कर लिया गया, जिसके बाद उन्हें निजी वाहन बुलाकर वापस लौटना पड़ा। बताया जाता है कि कुर्की आदेश के परिपालन में अभी कलेक्टर आकाश छिकारा की लग्जरी गाड़ी के साथ जिला प्रशासन के पांच गाड़ियों तथा कलेक्टर कार्यालय की अचल संपत्ति की भी कुर्की होनी है।