रायपुर। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विवि अपने संस्थान में अध्ययनरत लड़कियों को उनके मासिक धर्म के दौरान छड़ी प्रदान करेगा। इस तरह की व्यवस्था करने वाला एचएनएलयू प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। छात्राओं के लिए यह छुट्टी अनिवार्य नहीं होगी, यदि वे चाहें तो ही इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। यदि पीरियड्स के दिनों में भी छात्राएं कक्षाओं में उपस्थित होना चाहें तो हो सकती हैं।
यह पूर्णतः छात्राओं की व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर रहेगा। विधि विवि द्वारा इसे मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी अर्थात एमएलपी नाम दिया गया है। मौजूदा माह से ही संस्था ने इसे लागू कर दिया है। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिकारी को इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। छात्राएं संबंधित अधिकारी को आवेदन दे सकेंगी। विवि प्रबंधन के मुताबिक, हम महिला विद्यार्थियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर खुलकर बात करने की जरूरत है। इसे लेकर सक्रिय दृष्टिकोण अपना रहे हैं। यह नीति एचएनएलयू हेल्थ शील्ड पहल का हिस्सा है।
परीक्षा के दिनों में बढ़ाई जाएगी छूट
विवि प्रबंधन का कहना है कि छात्राओं की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक अवस्थाओं को समझे जाने की आवश्यकता है। मेंस्ट्रुअल लीव पोलिसी का उद्देश्य पीरियड के दौरान विशेष सहायता प्रदान करना है। इसके अंतर्गत छात्राओं को माह में एक दिन अवकाश दिया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक संस्थानों में निर्धारित उपस्थिति अनिवार्य होती है। ऐसे में छात्राओं को दिए जाने वाले अवकाश को उनके उपस्थिति के दिनों में गिना जाएगा। छात्राएं माह में एक दिन और एक सेमेस्टर में 6 दिनों की छुट्टी इस प्रावधान के अंतर्गत ले सकेंगी। परीक्षा के दिनों में बेड रेस्ट की आवश्यकता के सत्यापन पर ऐसी छूट का विस्तार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अनियमित मेंस्ट्रुअल पीरियड सिंड्रोम या विकार, जैसे पीसीओएस से पीड़ित छात्राएं भी इसके लिए आवेदन कर सकेंगी।
छात्राओं को समर्थन देना आवश्यक
कुलपति, एचएनएलयू के प्रो. वीसी विवेकानंदन ने बताया कि, एमएलपी का कार्यान्वयन एचएनएलयू में युवा महिला छात्रों की विशेष आवश्यकताओं को समझने और उन्हें समर्थन देने के लिए है। हम इस नीति के समर्थन के
लिए अकेडमिक काउंसिल का धन्यवाद करते हैं।