रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच जारी है, ईडी द्वारा रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को गिरफ्तार करने के बाद रविवार को ईडी ने कोर्ट में पेश किया है। जिसके बाद अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच ईडी की नई ईसीआईआर को लेकर जमकर बहस हुई। जहां बचाव पक्ष ने अनिल टुटेजा से हर घंटे अधिवक्ता को मिलने की अनुमति देने की मांग भी की है। इस मामले में कोर्ट ने रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है।
शराब घोटाला केस में नई ECIR दर्ज होने के बाद अब ईडी की टीम एक्शन मोड पर आ गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को शनिवार को हिरासत में लिया। रविवार सुबह ईडी ने गिरफ्तारी के बाद टुटेजा को कोर्ट में पेश किया। वहीं, पूछताछ के बाद बेटे यश को छोड़ दिया है।
शनिवार शाम हुई गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि, शराब घोटाला मामले में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की ECIR को रद्द कर दिया था। जिसके बाद रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के महज 2 दिन बाद ही इस केस में EOW की FIR को अधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई ECIR दर्ज की थी। इस मामले में ईडी के अधिकारियों ने कोर्ट में पेश किया। ईडी ने कल सुबह करीब 4 बजे अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी दिखाई थी।
ईडी ने कोर्ट में पेश किया 16 पन्नों का अरेस्ट ब्योरा
पूछताछ के बाद उनके बेटे यश टुटेजा को छोड़ दिया गया था। टुटेजा को आज कोर्ट में पेश किया गया है। ED ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है। ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के आधार बताए हैं और इसे लेकर ईडी ने 16 पन्नों की ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्योरा पेश किया है। ईडी का कहना है कि, शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी। जो कंट्रोलर की भूमिका में थे।
एसीबी और ईओडब्लू दफ्तर गए थे पिता-पुत्र
शराब घोटाले मामले में ईडी ने शनिवार को रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को ED ने हिरासत में ले लिया था। दोनों से ईडी शराब घोटाला मामले में पूछताछ कर सकती है। पूर्व आईएएस अफसर टुटेजा अपने बेटे के साथ आबकारी मामले में बयान दर्ज करवाने के लिए ACB और EWO के दफ्तर पहुंचे थे।
70 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट है दर्ज
नई ECIR दर्ज होने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय अगले एक सप्ताह में शराब घोटाला केस से जुड़े लोगों पर एक्शन ले सकता है। जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी केस में नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इस दौरान शराब कारोबारियों और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है। वहीं विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस मामले से जुड़े लोगों को ED ने लोगों को समंस भेजना भी शुरू कर दिया है। ईओडब्लू की ओर से की गई FIR में 70 लोगो के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि फ्रेश ECIR में भी वही नाम शामिल हैं। ED सभी को पूछताछ करने के लिए समंस भेज रही है।