रायपुर। नकली होलोग्राम मामले में उत्तरप्रदेश एसटीएफ की कार्रवाई पर होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म के संचालक विधु गुप्ता के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। नकली होलोग्राम का मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा है। होलोग्राम बनाने वाली कंपनी के खिलाफ नोएडा के कासना थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एसटीएफ की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अनिल टुटेजा की मेरठ जेल से रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट करने का रास्ता साफ हो गया है।
गौरतलब है कि, शराब घोटले में बड़े पैमाने पर नकली होलोग्राम के इस्तेमाल होने के मामले में ईडी ने पिछले वर्ष जुलाई में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निरंजन दास सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। नकली होलोग्राम मामले में यूपी एसटीएफ अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी तथा अनवर ढेबर को पूछताछ करने प्रोटेक्शन वारंट पर मेरठ लेकर गई थी। अनवर तथा एपी के छोड़ अनिल टुटेजा मेरठ जेल में बंद हैं।
मेरठ कोर्ट ने स्वीकार की याचिका
प्रोटेक्शन वारंट को लेकर अनिल टुटेजा ने मेरठ कोर्ट में याचिका दायर की थी। अनिल टुटेजा की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस कोर्ट में तय तारीखों पर अभियुक्त को उपस्थित कराने की शर्त पर दूसरे कोर्ट में हाजिर होने की अनुमति दी जाती है। कोर्ट के आदेश के बाद अनिल टुटेजा को रायपुर लाने का रास्ता साफ हो गया है
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी अर्जी
नकली होलोग्राम मामले में दर्ज एफआईआर के खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बचाव पक्ष के वकील फैसल रिजवी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नकली होलोग्राम मामले में आरोपियों को यहां भी राहत मिलने की उम्मीद है।