शराब घोटाला : वेलकम, सीजी डिस्टलरीज़ सहित आठ कंपनियों को बनाया गया आरोपी 

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शराब घोटाला मामले में पीएमएलए कोर्ट ने शराब घोटाला के आरोपी अनवर ढेबर की ओर से दाखिल 190 सीआरपीसी का आवेदन स्वीकार कर लिया है।

रायपुर। दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाला मामले में पीएमएलए कोर्ट ने शराब घोटाला के आरोपी अनवर ढेबर की ओर से दाखिल 190 सीआरपीसी का आवेदन स्वीकार कर लिया है। याचिका पर सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शराब निर्माता तथा शराब कारोबार से जुड़े आठ लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने आदेश जारी किया है। संबंधित लोगों को समन जारी कर 28 फरवरी को कोर्ट में पेश होने आदेश जारी किया गया है। ईडी के वकील डॉ. सौरभपाण्डेय के मुताबिक शराब घोटाला मामले में पीएमएलए कोर्ट ने वेलकम डिस्टिलरीज, भाटिया वाइन मर्चेंट्स, सीजी डिस्टलरीज, एमएस नेक्स्ट जेन, दिशिता वेंचर्स, ओम साईं ब्रेवरेजेज, सिद्धार्थ सिंघानिया और एमएस टॉप सिक्योरिटीज को आरोपी बनाया है।

ईडी ने जांच में दावा किया है कि, इन कंपनियों ने शराब कारोबार में अवैध तरीके से अर्जित धन को बेनामी लेन-देन और मनी लॉड्रिंग के माध्यम से व्हाइट करने की कोशिश की। ईडी के वकील के अनुसार विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा धारा 190 सीआरपीसी के तहत संज्ञान लिया जाना । इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे अब आगे की जांच और अभियोजन की कार्रवाई कानून के दायरे में और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेगी।

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ईओडब्लू, एसीबी कोर्ट में 10 मार्च को सुनवाई

शराब निर्माता कंपनियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने अनवर ढेबर तथा अनिल टूटेजा ने ईओडब्लू तथा एसीबी की अदालत में भी अर्जी दाखिल की है। शराब कंपनियों के खिलाफ अपराध दर्ज किए जाने के मामले की सुनवाई ईओडब्लू तथा एसीबी की विशेष अदालत में 10 मार्च को होगी।

जांच को नई दिशा मिलेगी

कानूनी जानकारों के मुताबिक, शराब निर्माता कंपनियों को आरोपी बनाए जाने के बाद शराब घोटाले की जांच को नई दिशा मिलेगी। आरोपी बनाई गई शराब निर्माता कंपनियों से पूछताछ में शराब घोटाला में किन- किन लोगों की भूमिका रही है, ईडी इसकी नए सिरे से एक बार फिर से पड़ताल कर सकती है। वित्तीय ऑडिट और पीएमएलए प्रावधानों के तहत संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया तेज हो सकती है। जांच सकती है। जांच एजेंसियों के पास कई संदिग्ध बैंक लेन-देन और कंपनियों के बीच हुए वित्तीय लेन-देन से जुड़े ठोस सबूत हैं, जो घोटाले में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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