संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड में 23 लोगों को 4 मामलों में जमानत मिली। लोहारीडीह में आगजनी और हत्या के मामले में 166 लोगों के खिलाफ 5 अलग- अलग FIR दर्ज किया गया था। जिसमें 23 लोगों को जमानत मिल गई लेकिन पुलिस से दुर्व्यवहार के मामले अभी भी सभी जेल में रहेंगे। उपसरपंच रघुनाथ साहू की हत्या और आगजनी के आरोप में जेल में सभी लोग बंद थे।
मिली जानकारी के अनुसार, 23 लोगों के खिलाफ घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिला है। लोहारीडीह में आगजनी और हत्या के मामले में 166 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज किया गया था। जिसके बाद 60 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी के खिलाफ अलग-अलग मामलों में पांच FIR दर्ज किया गया था।
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के ग्राम बीजाटोला का है। 15 सितम्बर की सुबह शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। उसके बाद लोहारीडीह के ग्रामीणों ने शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या होने के शक में मृतक रघुनाथ साहू के घर को बंदी बनाया उसके बाद उनके परिजनों से मारपीट की और घर को आग के हवाले कर रघुनाथ साहू को जिंदा जला दिया था। वहीं रेंगाखार पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हूँ रघुनाथ साहू की हत्या के आरोप में गांव के 168 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज कर 33 महिलाओं समेत 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहाँ हत्या के आरोप में बंदी विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की मौत जेल में हो जाती है। इस दौरान परिजनों ने पुलिस पिटाई के चलते प्रशांत साहू की मौत होने का आरोप लगाया था।
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लोरिडीह कांड को लेकर जमकर हुई सियासत
आरोपी प्रशांत साहू की जेल में मौत होने के बाद प्रदेश भर में राजनीति भी शुरू हो गई थी। जहाँ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मृतकों के परिजनों में मिलने पहुँचे और प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस लोहारीडीह अग्निकांड मामले पर शासन और प्रशासन की नाकामी के चलते कबीरधाम जिले में बड़ी घटना बताए थे। वहीं जिले की पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही थी। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर आईपीएस विकास कुमार को निलबंन की कार्रवाई की थी और रेंगाखार थाना प्रभारी सहित 32 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया था।