रायपुर। सरगुजा सीट उत्तर छत्तीसगढ़ की एसटी के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट पर 2019 में भी भाजपा जीती थी। इस बार यहां से चिंतामणी महाराज प्रत्याशी है। वे 2023 के अंत तक कांग्रेस में थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि कांग्रेस में आने से पहले भी वे भाजपा में थे। इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनका मुकाबला कांग्रेस की शशि सिंह से है। वे दिवंगत कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह की बेटी है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सरगुजा में मुकाबला इन दोनों प्रत्याशियों के बीच है।
चुनावी खर्च में चिंतामणी कांग्रेस से दस गुना आगे
सरगुजा लोकसभा में चुनाव प्रचार के खर्च के मामले में भाजपा प्रत्याशी चिंतामणी महाराज कांग्रेस प्रत्याशी से करीब दस गुना आगे हैं। चिंतामणी ने निर्वाचन आयोग को दिए खर्च के ब्योरे में बताया है कि उन्होंने अब तक 49 लाख 72 हजार से अधिक राशि खर्च की है। इसमें सबसे अधिक खर्च स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान हुआ। 24 अप्रैल को सरगुजा में आयोजित इस सभा पर 19 लाख 47 हजार रुपए खर्च हुए। इसी तरह स्टार प्रचार एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दो सभाओं के लिए उन्होंने 1 लाख 80 हजार से अधिक राशि खर्च की। इसके अलावा खुद प्रत्याशी ने सभाओं के अलावा 16 लाख 32 हजार रुपए से अधिक लगाए। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी शशि सिंह ने अब तक 5 लाख 13 हजार 581 रुपए खर्च का हिसाब दिया है।
अन्य दल खर्चों में बहुत पीछे
इस सीट पर कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य दलों के प्रत्याशी भी मैदान में हैं, लेकिन वे दोनों प्रमुख दलों से खर्च के मामले में काफी पीछे चल रहे हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी डॉ. एलएस उदय सिंह ने 1 लाख 10 हजार 830 रुपए खर्च किए हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी संजय कुमार ने 51 हजार 830 रुपयों का हिसाब दिया है। भारत आदिवासी पार्टी के के प्रत्याशी जैरोम मिंज ने 72 हजार 790 रुपए खर्च करना बताया है।
प्रत्याशी के खाते में जुड़ता है स्टार प्रचारक का खर्च
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को 95 लाख रुपए तक खर्च करने की अनुमति निर्वाचन आयोग ने दी है। प्रत्याशी खुद के दौरे, चुनाव सामग्री व अन्य खर्च इसमें शामिल किए जाते हैं। स्टार प्रचारकों पर होने वाले खर्च के संबंध में बसपा के प्रदेश प्रभारी ओपी बाचपेयी ने बताया कि स्टार प्रचारकों की सभाओं व उनके कार्यक्रमों का खर्च प्रत्याशी के खाते में जुड़ता है।