रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में ईओडब्लू की टीम ने बुधवार को निलंबित एएसआई तथा जेल में बंद चंद्रभूषण वर्मा के मैनेजर को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर जांच एजेंसी ने आरोपी को 19 जुलाई तक न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल करवा दिया। महादेव सट्टा एप मामले में दुर्ग के एक अन्य आरक्षक के राजनांदगांव के पास से गिरफ्तारी की सूचना है। हालांकि आरक्षक को हिरासत में लिए जाने की अब तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जांच एजेंसी ने किशन वर्मा को गिरफ्तार किया है।
किशन वर्मा को जांच ऐजेंसी ने कहां से गिरफ्तार किया है, इस बात का जांच एजेंसी ने खुलासा नहीं किया है। बताया जा रहा है, चंद्रभूषण द्वारा महादेव सट्टा एप से प्राप्त रकम की किशन को मैनेजमेंट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। किशन वर्मा की ईओडब्लू के साथ ईडी को लंबे अरसे से तलाश थी। किशन वर्मा की गिरफ्तारी के बाद महादेव सट्टा एप से जुड़े अन्य लोगों की जांच ऐजेंसी आने वाले दिनों में गिरफ्तारी कर सकती है।
रानू की जमानत इसलिए खारिज
बचाव पक्ष के वकील ने रानू साहू को जमानत का लाभ देने कोर्ट में कई तरह के तर्क प्रस्तुत किए, जिसमें रानू के सात साल के बच्चे का भी हवाला दिया गया। साथ ही ईडी द्वारा जो संपत्ति राजसात की गई है, उनमें रानू के नाम की संपत्ति नहीं होने की बात का भी उल्लेख किया गया है। जांच एजेंसी के वकील ने कोर्ट को बताया है कि माइनिंग घोटाले की जांच अभी चल रही है। रानू का सूर्यकांत तथा रोशन सिंह के साथ लगातार संपर्क में होने की बात का उल्लेख किया गया है। ईओडब्लू के वकील ने कोर्ट को बताया कि रानू को जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद रानू की जमानत याचिका खारिज कर दी।
रानू साहू को नहीं मिली राहत
माइनिंग घोटाला मामले में ईडी प्रकरण में जेल में बंद निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए सोमवार को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया है, ईडी के प्रतिवेदन पर ईओडब्लू ने भी अपराध दर्ज किया है। ईओडब्लू द्वारा दर्ज अपराध के मामले में रानू साहू ने ईओडब्लू की विशेष अदालत में जमानत आवेदन पेश की थी, जिसे विशेष अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।