कुश अग्रवाल/पलारी- भगवान भोलेनाथ की भक्ति और आराधना का पर्व महाशिवरात्रि है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर भोलेनाथ सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर माता पार्वती से विवाह किया था। इस अवसर पर महाशिवरात्रि को लेकर बलौदा बाजार जिले के पलारी स्थित बालसमूंद तालाब के किनारे स्थित सिद्धेश्वर मंदिर में आज तैयारी की जा रही है।
बता दें, पलारी में स्थित भगवान सिद्धेश्वर का मंदिर होने के कारण सिद्धेश्वर की नगरी भी कहा जाता है।आठवी शताब्दी में बना यह सिद्धेश्वर मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है। जो चोल वंश के समकालीन बना हुआ है। लाल ईंटों से बनाया गया यह मंदिर छत्तीसगढ़ की गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है। 150 एकड़ के विशाल बालसमंद तालाब में स्थित इस मंदिर में भगवान सिद्धेश्वर विराजमान है। यहां उनके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
महा आरती का आयोजन
महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव मंदिर में रात 12:00 बजे से ही विशेष पूजा चालू हो जाएगी। इसके अलावा प्रातः 4:00 बजे भव्य महा आरती का आयोजन भी किया गया है। सिद्धेश्वर मंदिर समिति ने विशाल प्रसाद भंडारा का आयोजन किया है। जिसमें हजारों श्रद्धालु पहुंचकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
भगवान भोलेनाथ की पूजा का महत्व
श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान के साथ यहां पर भगवान शंकर की पूजा की है। ऐसी मान्यता है कि, जो भी शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है। उसके जीवन में हमेशा ही सुख और समृद्धि आती है। भगवान भोलेनाथ उनकी सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ण करते हैं।