रविकांत सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ में अगले शिक्षा सत्र से चार और मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा है कि, शुक्रवार को इन कालेजों के भवन निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि, भारतीय जनता पार्टी ने मनेन्द्रगढ़, जांजगीर-चाम्पा, कबीरधाम और दंतेवाड़ा के गीदम में मेडिकल कॉलेज खोलने का वादा किया था। सरकार ने अब उस पर अमल शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने शुक्रवार को मनेंद्रगढ़ में इस संबंध में जानकारी दी। उनहोंने बताया कि, आज मेडिकल कालेज भवन निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश के चारों मेडिकल कालेजों के भवन के लिए 1220 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है।
प्रदेश में हो जाएंगे 15 मेडिकल कालेज
उल्लेखनीय है कि, इन चार नए मेडिकल कॉलेजों के अस्तित्व में आ जाने के बाद छत्तीसगढ़ में कुल 15 मेडिकल कालेज हो जाएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने दावा किया कि, 2 साल में चारों नए मेडिकल कालेजों के भवन बनकर तैयार हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि, मनेंद्रगढ़ में इस बात की जानकारी जैसे ही श्री जायसवाल ने दी, बड़ी सौगात मिलने पर क्षेत्रवासियों ने स्वास्थ्य मंत्री का मुंह मीठा कराकर आभार जताया।
भाजपा जो कहती है वो करती है : जायसवाल
चार नवीन मेडिकल कालेजों के लिए ई टेंडर जारी होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम जो कहते हैं उसे कर के भी दिखाते हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने नवीन मेडिकल कालेज की स्थापना करने की घोषणा तो की, लेकिन उसके निर्माण और संचालन को लेकर कोई पहल नहीं की। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार कभी भी विकास की पक्षधर नहीं रही है और सिर्फ खोखले वायदों पर काम करना जानती है।
इसे भी पढ़ें...नक्सल पीड़ितों को मिला कृत्रिम पैर: विजय शर्मा का जताया आभार, नई करवट ले रही अब उनकी जिंदगी
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हमारी प्राथमिकता
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बजट में इन मेडिकल कालेजों के लिए बजट देने की बात कही थी, और उन्होंने इसके लिए 1020.60 करोड़ रुपए की राशि को स्वीकृत भी किया है। मंत्री ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा करना है ताकि राज्य के युवाओं के साथ ही प्रत्येक वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके और स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके।