जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के मसीह समाज के लोगों ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आमसभा का आयोजन किया। समाज के लोग विलेज फेस्टिवल आयोजन करने के लिए अनुमति की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि, प्रशासन को पत्र लिखने के बाद भी उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है। संविधान में सभी समाज का मौलिक अधिकार है जिसे कोई छीन नहीं सकता है। 

दरअसल समाज के लोग संवैधानिक अधिकारों के लिए 7 सूत्रीय मांग कर रहे हैं। समाज के पदाधिकारी ने बताया कि, शासन प्रशासन मसीह समाज के साथ हो रहे अत्याचार पर जल्द रोक लगाया जाए। मसीह समाज शांति प्रिय समाज है उन्हें शांति के साथ जीने दिया जाए। उन्होंने कहा कि, उनके आध्यात्मिक और धार्मिक कामों में किसी भी संगठन का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आमसभा में बड़ी संख्या में शामिल हुए समाज के लोग

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दूसरे संगठनों ने किया था कार्यक्रम का विरोध 

विलेज बस्तर फेस्टिवल मसीह समाज आयोजित करने वाली थी। जिसमें समाज के धर्मगुरु पॉल दिनाकरण को बुलाया गया था। लेकिन कुछ दलों ने लिखित शिकायत कर इसका विरोध किया था। जिसे समाज के पदाधिकारियों ने गलत बताया है। लोगों का कहना है कि, अगर पॉल दिनाकरण का कोई भी शिकायत सही पाया जाता है तो विलेज बस्तर फेस्टिवल का कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाएगा। 

समाज के लोगों में आक्रोश 

मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच करने का आश्वासन दिया था। लेकिन मामले में अभी तक कोई भी जांच नहीं हुई है। समाज के लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जिससे लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि, शासन को पत्र लिखकर भी अवगत कराया गया लेकिन अब तक कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली है। कार्यक्रम मसीह समाज के लोगों ही करेंगे और प्रशासन को परमिशन देना ही होगा। संविधान में में सभी समाज का मौलिक अधिकार है और मसीह समाज अपने अधिकार को लेकर रहेगा।