आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के मरवाही जिले में स्कूली छात्रा का गलत इलाज करने से मौत होने के मामले में तथाकथित डॉक्टर जो मूल रूप से शिक्षक हैं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, मरवाही के बहरीझोरखी की रहने वाली आठवीं कक्षा की छात्रा की तबीयत खराब होने पर एक शिक्षक ने उसका इलाज किया, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार, मृतका के माता-पिता ने बच्ची को इलाज के लिए निमधा गांव में डॉ. प्रदीप के क्लीनिक लेकर गए। इसके बाद डॉ. ने इलाज किया और दो बाटल ग्लूकोज चढ़ाया फिर कुछ दवाइयां लिखकर घर भेज दिया। दोपहर में दवाई खाने के बाद बच्ची की तबीयत और बिगड़ गई। देर शाम परिजन उसे लेकर सीएचसी मरवाही पहुंचे और भर्ती कराया। वहां पर कुछ देर बाद बच्ची की मौत हो गई।
गलत इलाज करने की हुई पुष्टि
इसके बाद परिजनों ने डॉ. प्रदीप जायसवाल के दिए गए दवाइयों के गुण-दोष के संबंध में पत्र लिखकर पीएम करने वाले डॉ. हरिओम गुप्ता सीएचसी मरवाही से क्यूरी कराया गया, जिसने गलत तरीके से इलाज की पुष्टि भी की।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
बताया जा रहा है कि, प्रदीप जायसवाल गांव में ही प्राथमिक शाला में शिक्षक है और प्राइवेट क्लीनिक चलाता है। इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन की टीम ने 24 जुलाई को वर्षा जायसवाल मेडिकल और क्लीनिक को सील कर दिया था। अब आरोपी प्रदीप जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। वहीं मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।