नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले स्थित छोटे डोंगर के प्रख्यात वैद्यराज हेमचंद मांझी को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस पर छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जीजीएफ संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सी,एस,चौहान और प्रदेश कोषाध्यक्ष विभा चौहान ने उनके घर पहुंचकर शुभकामनाएं दी।
वैद्यराज हेमचंद माझी ने बताया कि, हमेशा से लोगों के प्रति योगदान,सेवा भाव,से इलाज कर रहा हुँ । दो-तीन एकड़ खाली जमीन अगर मिलता तो वह उस खाली जमीन में आयुर्वेदिक पौधों को लगाकर संरक्षित करते और लोगों का बेहतर तरीके से निशुल्क सेवा कर पाता। इस पर संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सी,एस,चौहान ने अस्वाशन दिया है कि, जल्द से जल्द उनके लिए जमीन और कुछ आयुर्वेदिक वृक्ष उपलब्ध कराने की पूरा कोशिश करेगा। चौहान ने कहा कि, भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या होगा तो हमारे संस्थान हमेशा आपके साथ है।
पिछले 5 दशक से मरीजों का कर रहे इलाज
बता दें कि, नारायणपुर के छोटे डोंगर में जन्मे हेमचंद माझी उस समय से लोगों का इलाज कर रहे हैं, जब उस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी। अपने ज्ञान और सेवाभाव की बदौलत से उन्होंने लोगों का इलाज शुरू किया और 5 पिछले दशकों से मरीजों का उपचार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहित आसपास के राज्यों और विदेशों में रहने वाले पीड़ित मरीज भी छोटे डोंगर पहुंचकर इलाज कराते हैं।
पद्मश्री माझी के इलाज का अनोखा तरीका
(1)एक छोटे से डंडे की एक किनारे को वह पढ़ते हैं और दूसरे किनारे को मरीज को पकड़ा कर सभी समस्या को बता देते है!
(2)इलाज के लिए अमेरिका,इंग्लैंण्ड,तेलंगाना, ओडिशा इत्यादि से आते है!
(3)बिना ऑपरेशन के समस्त बीमारी का इलाज जैसे ब्लड कैंसर,कैंसर,सिकलीन,शुगर, साइटीका,लकवा इत्यादि!
(4)इलाज निःशुल्क किया जाता है!(केवल जड़ी बूटी का सहयोग कर शुल्क एक माह दवा का 300-500 ₹ लिया जाता है!)
(5)समस्त इलाज जड़ी बूटी पद्धति से किया जाता हैं!
(6)छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने माझी को पुलिस सिक्योरिटी भी प्रदान किया गया है!