संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कांग्रेस नेता और कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन अनुशंसा की जांच पूरी हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता धनेन्द्र साहू की अध्यक्षता में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बिलासपुर आई थी। इस दौरान कमेटी संगठन और निष्कासित पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की।
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन अनुशंसा की जांच पूरी हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता धनेन्द्र साहू की अध्यक्षता में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पहुंची थी। कांग्रेस भवन में 121 संगठन और निष्कासित पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की। धनेन्द्र साहू के अलावा पूर्व विधायक अरुण वोरा भी शामिल थे।
लिफाफे में बंद हुआ रिपोर्ट
प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय, पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा पांडेय और त्रिलोक श्रीवास के अलावा दोनों जिला अध्यक्षों ने भी बयान दर्ज कराया है। फ़ैक्ट फाइंडिंग कमेटी के अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व विधायक अरुण वोर और अल्प संख्यक आयोग अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा ने दोनों पक्षों का दर्ज बयान किया। दोनों पक्षों से अलग- अलग चर्चा कर बंद लिफाफे में रिपोर्ट तैयार किया गया।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने जिलाध्यक्ष को कहा था चपरासी
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने जिलाध्यक्ष को चपरासी कहा था। जिसके बाद से पूरे मामले ने तुल पकड़ लिया है। जांच के बाद अब पीसीसी कमान को फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अटल ने जिलाध्यक्ष को चपरासी कहने वाला मामला अब तुल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। गुटबाजी के बीच कांग्रेस नेताओं में जमकर बयानबाजी चल रही है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद पीसीसी अंतिम फैसला लेगी।
अनुशासनहीनता कांग्रेस ने स्थान नहीं - साहू
वहीं कोटा विधायक सत्र के कारण जवाब देने नहीं पहुंचे। धनेन्द्र साहू ने कहा कि, अनुशासनहीनता का कांग्रेस में स्थान में नहीं है। जिला कांग्रेस कमेटी का पद बड़ा और सम्मानीय पद होता है। निष्कासित लोगों के ख़िलाफ़ फोटो और वीडियो का प्रमाण प्रस्तुत किया गया है।