एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। ना न्यायालय का डर है...ना कानून का...यहां तो सिर्फ मेरी चलती है...यह किसी गुंडे या माफिया का रवैया नहीं, बल्कि मानपुर की मैडम तहसीलदार का है। वे आजकल कुछ इसी तर्ज पर काम करती दिख रही हैं। निजी भूमि को किसी और के नाम पर नामांतरण करवा देना, गरीबों के प्रधानमंत्री आवास को बुलडोजर से गिरा देने का फरमान जारी करना, उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन इस बार तो उन्होंने हद पार कर दी है। महज साइड देने में मामूली सी देर हो जाने पर तहसीलदार महोदया ने ट्रेक्टर सवार आदिवासी किसान पर बीच सड़क सैंडिल बरसा दी।
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना मानपुर विकासखंड के तोलूम गांव की है। जिला मुख्यालय से लौट रहे आदिवासी तबके से ताल्लुक रखने वाले ट्रैक्टर सवरों को क्या मालूम था कि पीछे-पीछे आफत चली आ रही है। जो साइड नहीं देने के नाम पर रौद्र रूप धारण कर ट्रैक्टर के आगे अपनी कार अड़ाकर उन्हें बीच सड़क पर सैंडल से पीट डालेगी।
ट्रेक्टर के आगे अड़ाई कार और निकाल ली सैंडिल
इस मामले में पीड़ितों ने बताया कि सोमवार देर शाम को भरीटोला निवासी 25 साल के युवा तरुण मंडावी, पिता मनीराम मंडावी और अन्य तीन मजदूर ट्रैक्टर में सवार होकर मानपुर से अपने गांव भरीटोला लौट रहे थे। इसी दौरान अपनी कार खुद ड्राइव कर रहीं मानपुर तहसीलदार संध्या नामदेव पीछे-पीछे आ रही थीं। ट्रैक्टर ड्राइवर कार का हॉर्न नहीं सुन पाया, बस फिर क्या था, अचानक मैडम ने कार को आगे बढ़ाते हुए ट्रैक्टर के सामने अड़ा दिया। उन्होंने आव देखा न ताव बस तरुण मंडावी को साइड नहीं देने के नाम पर सैंडल से पीटना शुरू कर दिया।
मैडम का रौद्र रूप देखकर लग गई भीड़
तहसीलदार मैडम के रौद्र रूप को देखकर तोलूम गांव के ग्रामीणों और राहगीरों की उस वक्त सड़क पर भीड़ भी जमा हो गई। तहसीलदार संध्या नामदेव की पीटाई से बचते-बचाते ट्रैक्टर ड्राइवर तरुण मांडवी और अन्य तीन मजदूर ट्रैक्टर छोड़कर जंगल में भाग गए। इधर मैडम ने मानपुर से पुलिस बुलाकर ट्रेक्टर थाने में जब्त करा दिया।
एसडीएम ने ट्रैक्टर छुड़वाया, पीड़ित का बयान दर्ज
घटना की जानकारी कलेक्टर एस जयवर्धन और अन्य अफसरों को मिलने के बाद मानपुर एसडीएम अमित नाथयोगी ने थाने से ट्रैक्टर को रिलीज करने का निर्देश दिया। इस मामले में पीड़ित का आधी रात को थाने में बयान भी दर्ज किया गया है, परंतु अब तक हाइवे में सैंडल बरसाने वाली तहसीलदार के पर कोई कार्रवाई तय नहीं की गई है।
आदिवासी की जमीन दूसरे के नाम हो गई, दफ्तर से फाइल गायब
कई तरह के आरोपों से घिरी तहसीलदार संध्या नामदेव की भूमिका उस वक्त संदिग्ध लग गई थी जब मोहला के धोबेदंड निवासी आदिवासी किसान श्रवण कोराम की निजी भूमि को बिना किसी सार्वजनिक प्रकाशन के दूसरे के नाम पर नामांतरण कर दिया गया। इस मामले में तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है और पूरे प्रकरण की फाइल तहसील दफ्तर से गायब करा दिया गया। मामले में संबंधित तहसीलदार को बख्श दिया गया और स्टेनो को निलंबित कर प्रशासनिक तौर पर मामला रफा- दफा कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास को तोड़ने का जारी किया आदेश
गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले ग्राम पंचायत गोटाटोला निवासी भैरव प्रसाद जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाकर अपने परिवार के साथ जीवन यापन कर रहा हैं, ग्राम पंचायत को कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन उक्त मकान को तोड़ने का आदेश तहसीलदार संध्या नामदेव ने बरसात से ठीक पहले 17 मई को जारी कर दिया। बेदखली कर तोड़ने का आदेश उनहोंने दिया था। जिसमें स्थानीय विधायक इंद्र शाह मंडावी के हस्तक्षेप के बाद गरीब का आशियाना बच पाया।
एसडीएम बोले- मामले को देख रहे हैं
वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम मानपुर अमित नाथ योगी ने हरिभूमि डाट काम से कहा कि, मामले का संज्ञान लिया जा रहा है। मैंने रात को ही थाने से ट्रैक्टर रिलीज करवा दिया है।