उमेश यादव- कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से मोबइल की रोशनी में महिला का प्रसव कराने का मामला सामने आया है। पहाड़ी कोरवा महिला शनियारी बाई को प्रसव पीड़ा होने के बाद वह उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। जिसके बाद महिला स्वस्थकर्मी ने वाहन की बैटरी से कमरे में लाइट जलाकर महिला का प्रसव कराया। यहां के गांव में बिजली नहीं पहुंचने के कारण अस्पताल में भी लाइट की सुविधा नहीं है।
कोरबा जिले का स्वास्थ्य विभाग मज़बूरी और लाचारी से जूझ रहा है। लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण अस्पताल में डॉक्टर ने मोबइल की रौशनी से महिला का प्रसव कराया. @KorbaDist #Chhattisgarh @HealthCgGov pic.twitter.com/Ylr15JUOmT
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 11, 2024
दरअसल, यह पूरा मामला ग्राम पंचायत नकिया उप स्वास्थ्य केंद्र का मामला है। जहां के अस्पताल में बिजली की व्यवस्था न होने के कारण मोबाइल की रोशनी में ही महिला का प्रसव करा दिया गया। मामला सामने आने के बाद CMHO ने कहा कि, पूरे गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। वहीं कलेक्टर के निर्देश पर हमारे 50 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सोलर सिस्टम लगाने का काम किया जा रहा है जिसकी प्रक्रिया अभी भी जारी है। आगे उन्होंने कहा कि, जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।
आश्रम में छात्र की मौत
वहीं बीते दिनों पहले आदिवासी विकास विभाग के कोयाबेकूर में संचालित बालक आश्रम में पहली कक्षा के छात्र की बीमारी से मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में 7 साल के माड़वी दुला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सिर दर्द की शिकायत के बाद 1 दिसंबर की रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां बिगड़ती तबीयत को देखते हुए चिकित्सकों ने जगदलपुर रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
इसे भी पढ़ें....जर्जर सड़क से राहगीर परेशान : गड्ढे हादसों को दे रहे न्योता
कोयाबेकूर आश्रम अधीक्षक बंशराज ने बताया कि, बच्चा स्वस्थ था। 29 नवंबर को सिर दर्द की शिकायत होने पर केरलापाल स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। खून जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर वापस आश्रम ले गए। दो दिन ठीक रहने के बाद अचानक रविवार रात को बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। रात करीब 9 बजे सुकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार बच्चे की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी।
आश्रम के 3 और बच्चे हुए थे बीमार
कोयाबेकूर आश्रम में अध्ययनरत तीन और बच्चे बीमार थे। पहली कक्षा का माड़वी नागेश, माड़वी अरुण और एमला नंदा सप्ताह भर से बीमार थी। लगातार छात्रों की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए अधीक्षक ने अस्पताल में भर्ती कराया था। इधर आश्रम के छात्र की मौत के बाद 13 बच्चों ने आश्रम छोड़ दिया। मृतक छात्र केरलापेंदा गांव का था। उसी गांव से कोयाबेकूर आश्रम में 17 बच्चे पढ़ रहे हैं।
एआईएसएफ ने लगाए लापरवाही के आरोप
एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम ने आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि, हाल ही में आश्रमों के निरीक्षण के दौरान कोयाबेकुर का भी दौरा किया था। यहां अध्ययनरत बच्चों ने बताया कि मृतक छात्र कई दिनों से बीमार है। इलाज में आश्रम लापरवाही बरती गई थी। आश्रम के 3 बच्चे बीमार हैं। आश्रम में अव्यवस्था का आलम है। 50 सीटर आश्रम में 47 बच्चे पढ़ रहे है। उनके सोने के लिए केवल 24 पलंग हैं।