जगदलपुर। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा मानसून टूरिज्म के लिए पहल की जा रही है। राष्ट्रीय उद्यान 15 जून से 30 सितंबर तक बंद रहता है. जिससे जिप्सी चालकों और गाइड के रोजगार के साधन कम हो जाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए उद्यान के निदेशक ने मानसून टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं तैयार करने पर जोर दिया है।
इस योजना में पर्यटन स्थलों से पर्यटकों को जोड़ने के लिए टूर आॅपरेटर, जिप्सी चालक, जिप्सी गाइड, होम स्टे संचालक, और फिल्ड स्टाफ के साथ मिलकर मानसून सीजन हेतु योजना तैयार की गई है, जिससे लोग मानसून में भी भ्रमण कर सकें। पर्यटक बारिश में भी कर सकेंगे भ्रमण पर्यटकों के लिए कांगेर घाटी के आस-पास के गांवों को जोड़कर नई गतिविधियों के साथ पैकेज तैयार किए जा रहे हैं। जिन्हें पर्यटक अपने अनुसार बुक कर भ्रमण कर सकेंगे।
पैकेज में किये गए नए स्थल शामिल
पर्यटकों के लिए सर्किट में मांदरकोंटा गुफा, तीरथगढ़ जलप्रपात, धुड़मारास ईको विलेज, टोपर वॉटरफॉल, सीजनल वाटरफॉल जैसी नए स्थल शामिल हैं। इस पैकेज में ट्रेकिंग, नेचर वॉक, फेस्टिवल टूर, बर्ड वाचिंग, एजुकेशनल टूर, स्टार गेजिंग, कल्चरल टूर, जंगल साउंड थेरपी जैसी गतिविधियां सम्मिलित हैं।
होमस्टे, कैंपिंग की होगी सुविधा
उद्यान के निदेशक चुड़ामणी सिंह ने बताया कि पर्यटक जगदलपुर से भी जिप्सी बुकिंग कर सकते हैं। कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां तक परिवहन की सुविधा नहीं होने के कारण पर्यटकों की पहुंच नहीं हो पाती है। जिससे पर्यटक एक दिन में कई जगहों का भ्रमण कर पाएंगे। इसके अलावा, जो पर्यटक रुकना चाहते हैं उनके लिए होमस्टे, कैंपिंग, और रिजॉर्ट की सुविधा होगी, जिससे वे गांव की गतिविधियों का भी लुप्त उठा सकेंगे।