रायपुर। छत्तीसगढ़ के ऐसे गांव जहां भूजल स्तर काफी कम हो गया है और लोगों को पीने का पानी मिलना मुश्किल हो रहा है, प्रदेश के ऐसे गांवों के लिए साढ़े चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की मल्टी विलेज योजना पर काम किया जा रहा है। यह काम जलजीवन मिशन के माध्यम से कराया जा रहा है। इससे करीब 10 लाख लोगों को पीने के लिए मीठा जल मिलेगा। इन गांवों में भूजल स्तर नीचे जाने के कारण खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी या जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की वजह से लोगों को समस्या से जूझना पड़ रहा है।

बताया गया है कि,  4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में 71 मल्टी- विलेज योजनाओं का काम प्रारंभ हो गया है। इन योजनाओं के माध्यम से 3234 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इन गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरुण साव ने सभी मल्टी-विलेज योजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे लोगों तक यथाशीघ्र साफ पेयजल पहुंच सके।

71 मल्टी विलेज योजनाओं को मंजूरी

राज्य के अनेक जिलों में नलकूपों के गिरते हुए जल स्तर के कारण गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या आती है। ऐसे गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सिंगल-विलेज योजनाओं के लिए सफल पेयजल स्त्रोतों की कमी को देखते हुए सतही स्त्रोत पर आधारित मल्टी- विलेज योजनाएं बनाई गई हैं। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के माध्यम से प्रदेश में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी योजनाओं के अवयवों की ड्राइंग एवं डिजाइन की जांच राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात आईआईटी एवं एनआईटी के माध्यम से कराई जा रही हैं।

18 जिलों के 3234 गांवों को मिलेगा साफ पेयजल

जल जीवन मिशन के अंतर्गत मल्टी-विलेज योजनाओं के माध्यम से 18 जिलों के 3234 गांवों में जलापूर्ति की जाएगी। इनमें रायगढ़ जिले के 396, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 16, कोरबा के 245, जांजगीर-चांपा के 32, राजनांदगांव के 393, महासमुंद के 48, कबीरधाम के 31, गरियाबंद के नौ, बिलासपुर के 93, सूरजपुर के 413, मुंगेली के 240, दुर्ग के 201, बलौदाबाजार-भाटापारा के 192, बेमेतरा के 219, कोरिया के 292, बालोद के 148, सरगुजा के 190 और धमतरी जिले के 76 गांव शामिल हैं।