गणेश मिश्रा/बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शांति वार्ता के प्रस्ताव के बीच नक्सलियों ने CAF के कंपनी कमांडर की हत्या कर दी है। वे कुटरू के दरभा कैम्प में कंपनी कमांडर के पद पर पदस्थ थे। मृतक तिजाउ राम भुआर्य की हत्या आज सुबह-सुबह की गई है। इस घटना की पुष्टि बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने की है। CAF के कंपनी कमांडर को नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से मार-मार कर मौत के घाट उतार दिया है। 

नक्सलियों के खिलाफ आर-पार की रणनीति

प्रदेश में सरकार बदलते ही सत्तासीन भाजपा सरकार नक्सलियों के खिलाफ अब आर-पार की रणनीति के तहत काम करने लगी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा भी इस बात का पहले ही संकेत दे चुके हैं और शायद यही वजह है कि नक्सलियों को कमजोर करने के लिए उनके आधार क्षेत्र में तेजी से कैंप खोले जा रहे हैं और दूसरी तरफ अपने आधार क्षेत्र में फोर्स के बढ़ते दखल को देखते हुए नक्सली भी अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हुए हैं। वहीं सरकार की इसी रणनीति के तहत दो दिनों में सुरक्षा बल के जवानों ने मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिड़मा और नया बटालियन चीफ बारसे देवा के गांव पूवर्ती में कैंप स्थापित कर हिड़मा और नक्सलियों के आधार वाले इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। 

टेक्निकल हेड क्वार्टर बनाया गया

एक तरफ प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा की पहल के बाद नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता के लिए शशर्त जवाब आया है। तो वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिड़मा के किले में इस समय सुरक्षा बल के जवानों ने कब्जा कर लिया है। माना जाता है कि, यह इलाका हिड़मा के साथ-साथ नक्सलियों का आधार वाला इलाका है। जहां सुरक्षा बल के जवानों का प्रवेश ही मौत को दावत देने के समान है। सुरक्षा बल के जवानों ने हिड़मा के गांव पूवर्ती को अपना टेक्निकल हेड क्वार्टर बनाया है। जहां से अब सुकमा बीजापुर और तेलंगाना की सीमाओं पर नक्सलों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जाएंगे। हिड़मा को सीसी मेंबर बनाए जाने के बाद नक्सलियों का नया बटालियन चीफ बारसे देवा भी पूवर्ती का ही निवासी है। जिसके चलते उस इलाके को अब सुरक्षा बल के जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया है। 

हिड़मा के बारे पूरी जानाकरी लें

बता दें, हिड़मा 2001 से नक्सलियों से जुड़कर काम कर रहा है। वह बेहद चतुर तेज और क्रूर माना जाता है। साल 2004 से 27 से अधिक हमलों का नेतृत्व कर चुका है। 2013 के झीरम हमले में भी वह शामिल था। जिसमें कांग्रेस ने कई वरिष्ठ नेताओं को खोया है, वहीं अप्रैल 2017 के बुर्कापाल में हुए हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हुए थे। सुकमा के ताड़मेटला हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। हिड़मा को अप्रैल 2017 के बुर्कापामल हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। जिसमें 24 जवान शहीद हुए थे। वह हमेशा चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में चलता है। सीआरपीएफ के पास उपलब्ध एक जानकारी के अनुसार हिड़मा 5 फीट और 6 इंच लंबा है। जिनकी नई तस्वीर इस समय निकलकर बाहर आई है, जिस पर करीब 50 लाख रुपयों का इनाम घोषित है।