रायपुर। युवा साहित्यकारों द्वारा लिखित किताबों के साथ ही मेरठ और दिल्ली से प्रकाशित किताबों की तलाश खत्म करने के लिए पहली बार राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन होने वाला है। इसका उद्देश्य युवा लेखकों, साहित्यकारों को पहचान देना एवं उनकी किताबों को लोगों तक पहुंचाना है। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ और कसीमुद्दीन एंड सन्स के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले राष्ट्रीय मेले के बारे में गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता परवेज अहमद एवं चंद्रशेखर तिवारी ने जानकारी दी।
राजधानी के नलघर चौक स्थित प्रो. जेएन पांडेय स्कूल परिसर में 16 से 25 फरवरी तक सजने वाले राष्ट्रीय पुस्तक मेले में करीब 108 साल पुरानी किताबों का संग्रह भी देखने को मिलने वाला है। इस पुस्तक मेले में दूसरे शहरों के प्रकाशक और लेखक भी स्टाल सजाने वाले हैं। इस तरह के राष्ट्रीय पुस्तक मेले की जरूरत इसलिए भी महसूस की जाने लगी है, चूंकि युवा किताबों से दूरी बनाने लगे हैं। इसे देखते हुए उनके कोर्स के साथ ही मेरठ व दिल्ली जैसे बड़े शहरों के प्रकाशकों को भी शामिल किया जाएगा। स्टाल्स पर धार्मिक, सामाजिक, खेल सहित हर विषय पर प्रकाशित किताबों का विशाल संग्रह भी सजाने की तैयारी है। इससे साहित्य प्रेमियों को एक ही जगह हर तरह की किताबों के स्टाल मिलने वाला है। इसमें स्कूल की किताबें ही नहीं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को कंटेंट जुटाने का अवसर मिलेगा।