जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की दंश झेल रहा बस्तर अब बदल रहा है। बारुद की गंध की बजाय बस्तर अब गुलाब की खुशबू से महक रहा है... जी हां अब बस्तर के खेतों के किसान गुलाब की खेती कर अपने आप को स्वालंबन कर ग्रामीणों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं।
बस्तर जिले के 20 से 25 किसान आधुनिक खेती कर गुलाब नकी खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं और आसपास के राज्यों को महका रहे हैं। जगदलपुर शहर से लगे बकावण्ड ब्लाक के दशापाल में रिटायर्ड वन अफसर बैंक से लोन लेकर गुलाब की खेती कर रहे हैं और स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी दे रहे हैं। वहीं गुलाब की खेती करने वाले किसान आरआर कश्यप ने कहा कि, उनको गुलाब की खेती करने की इच्छा हुई और इसके लिये उन्होंने बैंक से 96 का कर्ज भी लिया। जिसमे उनको बकायदा 56 लाख की सब्जिडी मिली है।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर जाता हैं, यहां का गुलाब
उन्होंने आगे कहा कि, बस्तर की पहचान को बाहर के लोग दूसरे रुप मे जान रहे थे। यहां नक्सलियों के द्वारा खून खराबे से और बारुद की गंध सामने आती थी। लेकिन अब बारूद की गंध नहीं बल्कि, गुलाब की खुशबु से पूरा बस्तर महक रहा है। आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उडीसा और महाराष्ट्र तक बस्तर के गुलाब को भेजा जा रहा है। साथ ही पूरी के जगन्नाथ प्रभु तक बस्तर का गुलाब हार के रुप मे चढ़ाया भी जा रहा है।
लोगों की बदल रही आर्थिक स्थिति
बस्तर कभी नक्सलवाद की जकड़ में बंधा हुआ था। लेक़िन अब तस्वीर बदल रही हैं। गुलाब की खेती में काम कर रही युवतियों को भी रोजगार मिल गया हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी बदल रही हैं। यहां के किसान अपनी किस्मत अपने हांथो में गड रहे हैं। पहले जिन गांवों में बारूद की गंध आती थी अब वे फूलों की खुशबु से महक रहे हैं।