मो. इमरान खान- नारायणपुर। बस्तर लोकसभा चुनाव को लेकर सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर है। धुर नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों में वोटिंग कराने के लिए हेलिकाप्टर से मतदान दलों को भेजने के बाद गुरुवार को सड़क मार्ग से मतदान दलों को भेजा गया है। इसी बीच दो दलों को नक्सल हमले की चुनौती के बीच दण्डवन भेजा गया है।
जिला मुख्यालय से करीब तीस किमी. दूर इस मतदान केंद्र में दो दल रवाना किया गया, जिसमें करीब दो दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्युटी लगाई गई थी। इनके साथ EVM और चुनावी सामग्री भी थी। नक्सली हमले की आशंका के चलते दल के लोगों को पहाड़ियों और जंगली रास्ते का सफर पैदल तय करना पड़ा।
दी गई है तीन लेयर की सुरक्षा
नक्सली बारूद के धमाकों से बचने के लिए फोर्स के जवानों ने अपनी सूझ बूझ से दल के लोगों को सुरक्षा घेरे में लेकर चलना मुनासिब समझा। तीन अलग-अलग लेयर में सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। DRG के जवानों के साथ बस्तर बटालियन और आईटीबीपी के जवान सुरक्षा में तैनात थे। भीषण गर्मी में कुछ उम्रदराज कर्मचारियों की ड्युटी लगाई गई थी, जो पैदल चलकर थक गए थे। जंगल में नक्सली उत्पात की चर्चा के बीच कुछ युवा साथी आगे बढ़ रहे थे।
जवानों का इशारा मिलने के बाद आगे बढ़ता गया मतदान दल
जंगल में इनके साथ हरिभूमि डाट काम के सहयोगी समाचार चेनल INH का रिपोर्टर भी मौजूद था। जंगल में कुछ देर आराम करने के बाद लोकेशन आउट होने की बात कहते फोर्स के जवान आंखों ही आंखों में इशारा कर आगे बढने को कहते, फिर मतदान दल जान हथेली पर रखकर लोकतंत्र के इस यज्ञ में आहुति देने आगे निकल जाता। इस दौरान हमारे संवाददाता ने मतदान दल के लोगों से अनुभव साझा किए तो उन्होंने बताया कि, नक्सलगढ़ में चुनाव कराना काफी चुनौती भरा है। लेकिन वे इस अग्निपरीक्षा मे सफल होकर लौट आएंगे।
यहीं हुई थी भाजपा नेता पंचम दास की हत्या
उल्लेखनीय है कि, बुधवार को इसी इलाके में भाजपा नेता पंचम दास की नक्सलियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। उस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और सन्नाटा पसरा हुआ है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने दंडवन गांव के पास सड़क पर आईईडी ब्लास्ट कर मतदान दल पर हमला भी किया था।