महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन नक्सलियों के गढ़ और बटालियन नंबर-1 के ठिकाने पुवर्ती तक सड़क बनाएगा। पुवर्ती तक यदि फोर्स के जवानों की आमद-रफ्त बढ़ी तो यह नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील साबित होगी। कहते हैं कि, इस पूरे इलाके में लाल लड़ाके काफी मजबूत हैं। पुवर्ती का इलाका, जो अब तक नक्सलियों का गढ़ बना हुआ था, वहां तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। बीआरओ का यह प्रयास बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। 

दरअसल, नक्सलगढ़ को भेदने सशस्त्र बल के साथ मिलकर काम करने सीमा सड़क संगठन 2 दशक बाद बस्तर में वापसी कर रहा है। बताया जा रहा है कि, बस्तर को नक्सलमुक्त बनाने का सपना तभी साकार हो सकेगा। जब अंदरुनी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा। बीआरओ से बेहतर निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती, लेकिन सेंट्रल से मॉनीटरिंग होगी तो और बेहतर परिणाम आएंगे। पुराने अनुभव बताते हैं कि कोऑर्डिनेशन के अभाव में समय पर काम पूरा नहीं हो पाता।

दिल्ली में बनाई गई योजना

हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक पर सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिलगेर- पुवर्ती - कोंडापल्ली एवं तर्रेम-कोंडापल्ली क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य होने योजना बनी। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।

तेजी से होगा सड़क निर्माण का कार्य 

लोक निर्माण विभाग जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि बस्तर का यह इलाका नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सबसे चुनौतिपूर्ण क्षेत्र के रुप में पहचान रखता है। यहां अब सड़क निर्माण में गति आने वाली है, हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में यह तय हुआ है कि सिलगेर से पूववर्ती तक की सड़क का निर्माण बीआरओ करेगा।

इसे भी पढ़ें... नक्सलियों ने की कांग्रेस नेता की हत्या : ग्रामीणों को बांट रहा था राशन, सादे वेश में आये, कुल्हाड़ी- चाकू मारकर ले ली जान