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सुकमा जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर शिक्षादूत दूधी अर्जुन को मौत के घाट उतारा दिया।  

जगदलपुर/कोंटा।  सुकमा जिले के जगरगुण्डा निवासी शिक्षादूत की नक्सलियों ने शनिवार को पुलिस मुखबरी का आरोप लगाते हुए जन अदालत लगाकर ग्रामीणों की मौजूदगी में लाठी डंडे से पीटने के बाद रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी।

जानकारी के मुताबिक, थाना जगरगुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम गोंदपल्ली निवासी शिक्षादूत दूधी अर्जुन पिता डोडी मंगलू (25) की माओवादियों द्वारा पुलिस मुखबिरी के शक में जनअदालत लगाकर हत्या कर दी गई। इसकी सूचना पुलिस को रविवार को मिली,जिसके बाद जगरगुण्डा थाना में अज्ञात माओवादियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि युवक की हत्या के बाद नक्सलियों ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं देने का फरमान जारी किया था, जिसके बाद डर के चलते इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी। वहीं उसके शव का अंतिम संस्कार एक दिन बाद रविवार को पुलिस को बिना सूचना दिए कर दिया गया। हालांकि सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच मामले की तफ्तीश कर रही है।  लाठी डंडे से पिटाई करने के बाद रस्सी से गला घोट दिया है।  मृतक शिक्षादूत जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र के गोंदपल्ली गांव का निवासी था। एक माह में जनअदालत लगाकर नक्सलियों ने छठवी हत्या की है।  

Shikshadoot Dudhi Arjun
शिक्षादूत दूधी अर्जुन 

बौखलाहट में नक्सली

बौखलाहट में नक्सली, आम लोगों को बना रहे निशाना पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक अलग अलग मुठभेड़ में 153 माओवादियों को मौत के घाट उतार चुकी है। नक्सलियों का इलाके में भय समाप्त होने व बौखलाहट में नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों को पुलिस मुखबरी के आरोप में निशाना बनाया जा रहा है। यही वजह है कि शिक्षादूत की हत्या कर दी गई हालांकि नक्सली हत्या से पहले कई बार चेतावनी देते है फिर भी नहीं मानने पर हत्याकांड को अंजाम दिया जाता है, लेकिन शिक्षादूत की हत्या से पूर्व किसी तरह की चेतावनी नहीं दी गई थी।

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एक माह में जनअदालत लगाकर की छठी हत्या

लगभग एक माह के अंतराल में नक्सलियों द्वारा पुलिस इनफॉर्मर बताते जन अदालत लगाकर की गई यह पांचवी हत्या है। इससे पूर्व पुलिस इनफॉर्मर बताते हुए अपने ही महिला साथी निलो उर्फराधा को नक्सलियों ने गद्दार करार देते हुए जनता के सामने जनअदालत लगाकर हत्या कर दी थी। अपने ही साथी कि हत्या नक्सलियों ने तेलंगाना के चारला मंडल क्षेत्र के जंगल में जनअदालत लगाकर करने के बाद शव को चेन्नापुरम गांव के पास फेंक दिया था। इससे पूर्व नक्सलियों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर गंगालूर थाना क्षेत्र के पूसनार गांव के गायतापारा के ग्रामीण लांचा पुनेम को भी पुलिस का ग्रामीण लांचा पुनेम को भी पुलिस का मुखबीर बताते हुए जनअदालत में बेहरमी से हत्या कर दी थी। वहीं 26 अगस्त को भैरमगढ़ के सीतु माडवी (30), निवासी जैगुर पंचायत पर 2021 से पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाकर ग्रामीणों की मौजूदगी में उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा सप्ताह भर पूर्व भैरमगढ़ क्षेत्र के जप्पेमरका इलाके में नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर ग्रामीण माड़वी सूजा व पोडियामी कोसा पर पुलिस मुखबीरी का आरोप लगाकर उन्हें फांसी की सजा सुनाकर उनकी हत्या कर दी थी। वहीं नक्सलियों ने अगवा किए गए मिरतुर छात्रावास में पढ़ रहे छात्र पोडियामी हिड़मा को चेतावनी देकर जनअदालत से रिहा कर दिया है। इसके बाद शनिवार को शिक्षादूत की हत्या की गई । 

अमानवीय चेहरा उजागर

बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि, ग्रामीण अंचल में शिक्षादूत बनकर गरीब आदिवासी बच्चों को पढ़ाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले युवक की हत्या कर नक्सलियों ने अपना अमानवीय चेहरा उजागर किया है।बस्तरवासी उनका यह बर्बर अत्याचार को समझ चुके हैं। जल्द ही बस्तर से नक्सलवाद का खात्मा होगा।


 

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