प्रवींद्र सिंह- बैकुंठपुर। उन्नत तकनीक के उपयोग से खेती में बड़े मुनाफ़े के कारण अब पढ़े- लिखे युवा भी खेती-किसानी की तरफ रूख कर रहे हैं। कोरिया जिले के एक युवा ने नौकरी छोड़ने के बाद खेती की ओर अपना रूख किया और वैज्ञानिक तरीके से कृषि करना शुरू किया। उसकी मेहनत रंग लाई और वह कुछ ही समय में करोड़पति किसान बन गया।
नौकरी छोड़ खेती को बनाया आय का जरिया
बात है, कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित छोटे से ग्राम पंचायत नगर के युवा किसान दीपक शर्मा की। दीपक ने नौकरी छोड़कर खेती को अपनी आय का जरिया बनाया और आज विदेशी प्रजातियों वाली सब्जियों की खेती करके महीने के लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
दिनों-दिन बढ़ती जा रही डिमांड
शहर के सब्जी मार्केट के अलावा जिले के होटलों, अन्य रिहायशी ठिकानों में इनकी दिनों-दिन डिमांड बढ़ती जा रही है। लोकल मार्केट में सब्जियों की बिक्री के साथ ही अब दीपक ने मोबाइल से सब्जियों के आर्डर लेने शुरू कर दिए हैं। दीपक ने इस वर्ष 2 एकड़ में विदेशी सब्जियों की खेती की थी। इन सब्जियों की खेती से उन्हें लाखों का मुनाफा हुआ है। आधुनिक तरीके से खेती करने पर इन सब्जियों की खेती में भी लगभग सामान्य सब्जियां जितनी ही लागत लगती है, लेकिन मुनाफा उससे कहीं अधिक होता है।
हाथों-हाथ बिक जाती है सब्जियां
इस वर्ष दीपक ने ब्रोकली, लेटेस, चाइनीस पत्ता गोभी, लाल मूली, शलगम और बैंगनी पत्ता गोभी की खेती की थी। नासिक से सब्जियों के बीज और खेती का तरीका सीखने के बाद खेती में जमकर उत्पादन हुआ। इसमें ब्रोकली का ढाई टन, चाइनीस पत्ता गोभी का डेढ़ टन वहीं लाल मूली करीब 6 क्विंटल तक प्राप्त हुई। इन विदेशी सब्जियां को बेचने में भी कम मशक्कत करनी पड़ी। सामान्य तौर पर बाजार में नहीं दिखने वाली यह सब्जियां हाथों-हाथ बिक जाती है।
मिला करोड़पति किसान का अवार्ड
सब्जियों की खेती के तरीके के बारे में दीपक बताते हैं कि वह सब्जियों की खेती आधुनिक तरीके से करते हैं, सब्जियों में ऑर्गेनिक खाद के रूप में मुर्गी खाद का उपयोग व कीटनाशक के रूप में नीम बेस्ड का उपयोग किया जाता है। लाइन में पर्याप्त दूरी पर सब्जियों को लगाने एवं खेती से पहले मिट्टी में खाद का उपयोग करने से अच्छा उत्पादन होता है। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया और नासिक की टीम से मिले गाइडेंस के बाद सब्जियों की खेती में यह कामयाबी मिली है। हाल ही में दीपक को करोड़पति किसान का अवार्ड भी दिल्ली में मिला है।