रायपुर। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा इन दिनो पुलिस महकमे से खासे नाराज चल रहे हैं। वजह नशे के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरतना बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार की शाम श्री शर्मा ने डीजीपी अशोक जुनेजा से फोन पर बात कर नशे के खिलाफ कार्रवाई ना होते दिखने पर नाराजगी जताई।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही क्राइम कंट्रोल पर अपनी प्लानिंग बताते हुए श्री शर्मा ने सूखे नशे को बढ़ते क्राइम की जड़ बताया था। उन्होंने नशे के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश भी पुलिस को दिए थे। लेकिन कई दिन बाद भी नशे के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई ना होता देख उन्होंने मंगलवार की शाम डीजीपी को फोन किया।
एसपी, आई को देर रात मिला संदेश
बताया जा रहा है कि, गृह मंत्री के फोन के बाद पीएचक्यू में हरकत तेज हो गई है। तुरंत एसपी, आईजी के व्हाट्सएप ग्रुपों में इमरजेंसी मीटिंग का मैसेज डाला गया। एसपी, आईजी को दो लाइन के संदेश में कहा गया...10 जनवरी को दोपहर 12 बजे डीजीपी साहब नशे पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा करेंगे। तैयारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कनेक्ट हों।
एसपी दफ्तरों में चल रही तैयारियां
पीएचक्यू से मिले सख्त संदेश के बाद हड़कंच मच गया। कई जिलों में आधी रात को एसपी आफिस खुलवाया गया, सारे अधिकारियों को तलब कर कार्रवाई की जानकारी ली गई। आज सुबह से ही एसपी कार्यालयों में आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं।
एसपी, आईजी कांफ्रेंस में भी उठी थी बात
बता दें, विजय शर्मा ने गृह मंत्रालय की कमान संभालने के बाद ही पुलिस अधिकारियों को बता दिया था कि, वे नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। इस मामले में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने 27 दिसंबर को एसपी और आईजी की कांफ्रेंस लेकर गृह मंत्री की चिंता से अवगत कराते हुए कार्रवाई करने कहा था। मगर ज्यादातर जिलों ने कोई मुहिम नहीं चलाई गई।
कई जिलों में मीटिंग तक नहीं हुई
कई जिलों के एसपी ने तो डीजीपी के निर्देश के बाद भी जिले के अफसरों की मीटिंग तक नहीं की। इसकी भनक गृह मंत्री को लग गई कि, उनके बोलने के बाद भी पुलिस महकमा हरकत में नहीं आया है। फिर उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास ले ली। दरअसल, गृह मंत्री विजय शर्मा को फीडबैक मिला है कि नशे की वजह से छत्तीसगढ़ में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। नशे पर बिना लगाम लगाए अपराधों पर काबू नहीं पाया जा सकता।