रायपुर। केरल में कोरोना के मामले आने के बाद राज्य में सावधानी बरतना शुरू कर दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक मिलने वाला कोरोना खतरनाक तो नहीं है, मगर सावधानी जरूरी है। एहतियात खांसी के सीजन में कोरोना पॉजिटिव भी मिलने लगे हैं। दो दिन में राज्य में पांच संक्रमितों की पहचान हुई है। इसमें के तौर पर जांच बढ़ते ही सर्दी रायपुर जिले के 2, बिलासपुर, कांकेर तथा दुर्ग जिले के 1-1 मामले हैं। केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को सावधानी बरतने की गाइडलाइन जारी की गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना अभी खतरनाक नहीं है, मगर इसके विस्तार को रोकने की लिए आवश्यक उपाय किया जाना आवश्यक है। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्दी-खांसी के मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में कोविड जांच की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई है।
अफसरों को इंफ्लूएंजा के मामलों की विशेष निगरानी कर इसकी नियमित रिपोर्टिंग करने की हिदायत दी गई है। दो दिन से राज्य में एक हजार से अधिक सैंपलों की जांच की जा रही है। दो दिन में राज्य में कुल पांच केस सामने आए हैं। इनमें राजधानी में मिले दोनों मामले एम्स से संबंधित बताए गए हैं। गुरुवार को बिलासपुर में संक्रमित मिला शख्स दुबई से घूमकर लौटा था और कांकेर जिले में मिला संक्रमित गुजरात से जंगलवार में ट्रेनिंग के लिए आया था। दुर्ग में जिसे संक्रमित पाया गया है, उसकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। सर्दी-खांसी की शिकायत पर उसका टेस्ट किया गया था। सभी का इलाज होम क्वारेंटाइन में किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें मौसमी बीमारी के अलावा किसी और तरह की समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री साय ने ली बैठक
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को तमाम सीएमएचओ, सिविल सर्जन तथा राज्य स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें सावधानी बरतने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के। लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी रखी जाए। सभी अस्पतालों में दवाओं, बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता परखी जाए। साथ ही अस्पतालों में मौजूद तमाम उपकरणों को गतिशील बनाए रखने के लिए समय-समय पर मॉकड्रिल किया जाए।
जीनोम सिक्वैसिंग के लिए सैंपल
कोविड का वायरस समय-समय पर अपना स्वरूप बदलता है। इस दौरान शरीर की कम प्रतिरोधक क्षमता वाले इससे प्रभावित भी होते हैं। केरल में कोविड के जो मामले सामने आए हैं, वे खतरनाक नहीं हैं। राज्य में भी कोरोना के म्यूटेंट पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए संक्रमितों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वैसिंग के लिए एम्स के लैब भेजे गए हैं। गुरुवार को भेजी गई सैंपलों की रिपोर्ट एक-दो दिन में मिलने के आसार हैं।
हाईरिस्क वाले सावधानी बरतें
कोरोना अभी खतरनाक नहीं है, मगर इसे लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। भीड़ वाले इलाकों में सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए। खासकर हाईरिस्क की श्रेणी में आने वाले बीमार, बच्चे, वृद्ध तथा पुरानी बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। - डॉ. सुभाष मिश्रा, संचालक, महामारी नियंत्रण