रायपुर। ओपीडी का वक्त खत्म होने के बाद जिला अस्पताल के कर्मचारी गायब हो जाते हैं। अस्पताल की व्यवस्था सुधारने पहुंचे जिला पंचायत सीईओ ने ऐसे कुछ कर्मचारियों को नोटिस जारी करने और कुछ का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चिकित्सकीय स्टाफ को एक्टिव रहने और उपचार व्यवस्था को दुरुस्त करने की हिदायत दी है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं शासकीय अस्पतालों के नोडल अफसर विश्वदीप सोमवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल की पूरी व्यवस्था का जायजा लिया।
इस दौरान एक टेक्निशियन, ड्रेसर और एक प्रशासनिक काम करने वाला कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित था। इसके अलावा अन्य कर्मचारी भी अपनी सीट पर मौजूद नहीं थे। इस बारे में जानकारी लेने के बाद उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी कर इस बारे में जानकारी ली जाए। इस दौरान कुछ कर्मचारियों के अक्सर ड्यूटी स्थल पर नहीं रहने की शिकायत मिलने पर उनके एक दिन का वेतन काटने का निर्देश जारी किया है। जिला पंचायत सीईओ ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ओपीडी के बाद जिन चिकित्सकों की ड्यूटी रहती है वे और अन्य स्टाफ अपने स्थल पर मौजूद रहें।
निराश न लौटें मरीज
सीईओ ने कहा कि, दोपहर बाद भी अगर कोई मरीज आवश्यक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचता है, तो उसके निराश होकर लौटने की शिकायत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल के इमरजेंसी विभाग को भी अपडेट रखने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसके भंडारी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय मोझरकर, कंसलटेंट डॉ. मिथिलेश सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।
आयुष्मान और हमर लैब की जानकारी
जिला पंचायत सीईओ ने इस दौरान अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत उपचार कराने आने वाले मरीजों के बारे में जानकार ली। इसके साथ ही इससे संबंधित प्रोत्साहन राशि की वितरण व्यवस्था के बारे में भी पूछा। हमर लैब के माध्यम से मरीजों को दी जाने वाली जांच की सुविधा के बारे में भी जानकारी ली और सुविधा का विस्तार करने पर जोर दिया।