रायपुर। ध्वनि प्रदूषण (noise pollution)के मामले में राज्य शासन (state government)की ओर से कोर्ट (court)को बताया गया है कि पूरे प्रदेश में साइलेंस जोन घोषित किया जाएगा। इसके लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।अदालत ने इस मामले में मुख्य सचिव से दोबारा शपथ पत्र मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति से जुड़े डा. राकेश गुप्ता तथा विश्वजीत मित्रा ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका को अदालत द्वारा स्वतः संज्ञान लिया गया है। इस मामले में गत 20 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान हस्तक्षेप याचिका दायर • करने वाली छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि साउंड बॉक्स और डीजे के अलावा मध्य रात्रि में भी शहर के बीच में म्यूजिक सिस्टम बजाए जाते हैं।

कोर्ट को कुछ फोटो भी बताए गए, जिसमें शंकर नगर चौक पर रात को 10:30 तक ट्रेलर ट्रक में डीजे बजाए गए और एम्स अस्पताल कैंपस में देर रात तक ध्वनि प्रदूषण किया गया। समिति द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका के जवाब में शासन द्वारा कोर्ट को बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई मीटिंग आयोजित की और कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए स्पेशल हॉर्न, स्पीकर, लाउडस्पीकर को अस्पताल, शैक्षणिक संस्था और कोर्ट के पास प्रतिबंधित करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए संवेदनशील एरिया चिन्हित करने के लिए निर्देश दिए हैं।