दो संस्थानों को नोटिस : स्टेरॉयड की टेबलेट अमानक, पैरासीटामाल, गैस्टिक की दवा भी फेल 

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गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दी जाने वाल्त्री स्टेरॉयड कम असरदार थी। डूमतराई दवा बाजार से उठाए गए टेबलेट के सैंपल जांच में अमानक पाए गए हैं।

रायपुर। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दी जाने वाल्त्री स्टेरॉयड कम असरदार थी। डूमतराई दवा बाजार से उठाए गए टेबलेट के सैंपल जांच में अमानक पाए गए हैं। बीटा जोक्स नामक इस जेनेरिक दवा का निर्माण यूपी की यूनीप्लस बायोटेक कंपनी द्वारा किया जाता था और सप्लाई जेनकेम लाइफ साइंस एमपी की कंपनी द्वारा की जाती थी। इसी तरह पैरासीटामाल, गैस्टिक की दवा और सर्जिकल स्प्रिट के सैंपल भी जांच में फेल हुए हैं। दवा में मिलावट अथवा उसके निर्माण में तय मापदंडों का पालन नहीं करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

इस तरह की अमानक दवाओं की पहचान के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम लगातार दवाओं के सैंपल लेकर जांच के बाद कार्रवाई करती है। पिछले चार महीने में चार दवाओं के अमानक पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जनवरी में डूमरतराई के दवा बाजार के ड्रग इंस्पेक्टर नीरज साहू ने स्टेरॉयड की टेबलेट बीटा जोक्स 0.5 एमजी टेबलेट का सैंपल लिया था। शिकायत मिल रही थी कि दवा ठीक से असर नहीं दिखा रही है। इस दवा को गंभीर बीमारियों की दवा के अधिक प्रभाव के लिए दिया जाता है। संदेह के आधार पर लिए गए सैंपल की जांच हुई, तो पता चला की उसमें बीटा जोक्स नामक औषधि की मात्रा साठ फीसदी से कम है जिसकी वजह से वह कारगर नहीं हो रही है।

टेबलेट उत्तराखंड की कंपनी टू-जेन फार्मा की थी

रिपोर्ट अमानक मिलने पर दवा निर्माता और सप्लायर कंपनी को नोटिस भेजकर उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके पूर्व औषधि निरीक्षक लक्ष्मी वर्मा कौशिक द्वारा शहर उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके पूर्व औषधि निरीक्षक लक्ष्मी वर्मा कौशिक द्वारा शहर की दवा दुकान से पेरासीटामोल एक्पोम-2 के सैंपल लिए गए थे। टेबलेट उत्तराखंड की कंपनी टू-जेन फार्मा की थी, जिसमें फंगस होने की शिकायत थी। इसी तरह उनके द्वारा लिए गए सर्जिकल स्प्रट में सप्रट की मात्रा कम थी। इसका उपयोग इंजेक्शन लगाने के पूर्व अथवा अन्य सर्जरी के दौरान किया जाता है। ड्रग इंस्पेक्टर परमानंद वर्मा ने रेबिप्रोजोल नामक गैस्टिक की दवा का सैंपल लिया था। इस दवा की खपत भी काफी मात्रा में थी। इसका निर्माण अल्ट्रा ड्रग प्रायवेट लिमिटेड हिमाचल द्वारा किया जाता था। सभी मामलों में ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक चंदन कुमार ने दवाओं के अमानक मिलने के मामले को देखते हुए दवाओं की गुणवत्ता पर किसी तरह की शंका होने पर टोल फ्री नंबर 9340597097 में जानकारी देने की बात की है। उन्होंने सभी चिकित्सकों से इस बात का अनुरोध किया है कि उपचार के दौरान दवाओं के संबंध में संदेह हो, तो इसके जानकारी दें।

टेबलेट वापस कंपनी को

स्टेरॉयड की दवा के अमानक पाए जाने पर छत्तीसगढ़ में बेचे गए स्टॉक को वापस कंपनी को भिजवाया जा रहा है। इसके साथ ही कंपनी प्रतिनिधियों के स्पष्टीकरण आने के बाद उनके खिलाफ न्यायालय में ड्रग एक्ट की विभिन्न गैर जमानतीय धाराओं के अंतर्गत परिवाद पेश किया जायेगा।

कड़ी कार्रवाई की जा रही

खाद्य एवं औषधि प्रशासन सहायक नियंत्रक बसंत कुमार कौशिक ने बताया कि, संबंधित प्रकरणों में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। दवाओं की गुणवत्ता को परखने के लिए लगातार जांच भी की जा रही है।

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