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धान खरीदी के लिए केवल चार दिन बचे हैं। लाखों की संख्या में ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने अब तक एक बार भी धान नहीं बेचा है। किसानों को अपने धान की चिंता सताने लगी है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए केवल चार दिन बचे हैं। इस बीच लाखों की संख्या में ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने अब तक एक बार भी धान नहीं बेचा है। यही नहीं, जिन किसानों ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान बेचा है उन्हें भी प्रति एकड़ एक क्विंटल अतिरिक्त धान बेचना है। यह खरीदी अभी शुरू नहीं हो पाई है। इधर राज्य में धान खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ है किसानों और सोसायटियों की ओर से धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग भी सामने आ रही है। राज्य में धान खरीदी की तिथि बढ़ाने पर सरकार स्तर पर विचार किया जा रहा है। संभावना है कि खरीदी की तारीख बढ़ेगी।

लाखों किसान नहीं बेच पाए हैं धान

छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में धान बेचने के लिए 26 लाख 60 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। अब तक करीब तीन लाख किसानों ने धान नहीं बेचा है। सोसाटियों से संबंधित लोगों का कहना है कि किसानों को 31 जनवरी तक खरीदी के लिए टोकन जारी हो चुके हैं। इसके बाद भी बड़ी संख्या में किसान धान नहीं बेच पाएं है। बड़ी संख्या में किसानों ने केवल एक बार ही धान बेचा है जबिक हर किसान को धान बेचने के लिए तीन बार टोकन जारी करने का प्रावधान है।

धान खरीदी की अवधि बढ़ाएं

कांग्रेस से जुड़े किसान नेता उधो वर्मा का कहना है कि नियत तिथि 31 जनवरी तक पूरी धान खरीदी हो पाना असंभव है। उनका कहना है कि लगातार मौसम खराब और बारिश की वजह से अब तक 12 से 15 दिन धान खरीदी नहीं हो पाई है। लगातार छुट्टी के वजह से भी धान खरीदी प्रभावित हुई है। आगे 25 से 28 तारीख को भी छुट्टी है। बारिश एवं छुट्टी के कारण जिसका टोकन कटा है उन किसानों की खरीदी आगे बढ़ेगी। शुरुआती दिनों में धान खरीदी की लिमिट कम रही, अगर अभी धान खरीदी की लिमिट बढ़ाई जाती है तो भी समितियों में समितियों में परिवहन नहीं होने से जगह का अभाव है। श्री वर्मा ने 20 दिनों तक धान खरीदी की अवधि बढ़ाने की मांग की है। किसान नेता भूपेंद्र शर्मा ने धान खरीदी 15 फरवरी तक बढ़ाने की मांग को लेकर मुख्य सचिव को ईमेल भेजा है।

अब तक 127 लाख मीट्रिक टन की खरीदी

राज्य में पिछले साल 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के बीच अब तक कुल मिलाकर 22 लाख 97 हजार 476 किसानों ने धान बेचा है। इन किसानों से 127 लाख 62 हजार 546 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पाई है। जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदी के साथ 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था। लेकिन भाजपा सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा की है। इतनी मात्रा में खरीदी होने पर धान खरीदी करीब 150 लाख मीट्रिक टन हो सकती है, लेकिन धान खरीदी की तिथि 31 जनवरी को खत्म हो रही है। अवकाश के दिनों को छोड़ दिया जाए तो केवल चार दिन बचे हैं।

बढ़ेगी तारीख - भाजपा किसान मोर्चा

भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि धान खरीदी की तिथि बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से चर्चा हो चुकी है। वजह ये है कि किसानों ने देरी से धान बेचना शुरू किया है। हम लोगों ने सोसायटियों और जिलों से धान खरीदी, लक्ष्य संबंधी पूरी जानकारी ली है। धान खरीदी की तिथि बढ़ेगी, कितने दिन के लिए बढ़ाई जाएगी इस पर शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है।

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